डॉक्टर योगेश गौतम अब शिमला आलू अनुसंधान संस्थान में देंगे सेवाएं


23 वर्षों तक खुम्ब अनुसंधान केंद्र सोलन सेवाओं के दौरान किये कई रिकॉर्ड अपने नाम
शिमला टाइम
उत्तर भारत का खुम्ब अनुसंधान संस्थान केंद्र चंबाघाट में लगातार 23 सालों तक बतौर वैज्ञानिक अपनी सेवाएं देने के उपरांत अब डॉक्टर योगेश गौतम केंद्रीय आलू अनुसंधान संस्थान केंद्र शिमला में बतौर कंप्यूटर वैज्ञानिक अपनी सेवाएं देंगे। डॉक्टर योगेश गौतम मूलतः सोलन के ही रहने वाले हैं तथा इनकी स्कूली व कॉलेज की शिक्षा सोलन से ही हुई है। यही नहीं डॉक्टर गौतम कंप्यूटर के क्षेत्र में पहले डॉक्टरेट हैं। डॉक्टर गौतम बिज़नेस मैनेजमेंट के इलावा साइबर क्राइम के भी विशेषज्ञ हैं।
खुम्ब अनुसन्धान केंद्र में वैज्ञानिक के रूप में इन्होंने सेंसर्स के द्वारा तापमान, ह्यूमिडिटी और कार्बन डाईऑक्सीड की वैल्यूज कंप्यूटर एवं मोबाइल पर देखना शुरू किया। यहां पर 6 वर्षों तक तकनीकी हस्तांतरण विभाग की जिम्मेवारी बखूबी संभाली। जिसमें इन्होंने किसानों व कमर्शियल फार्मर्स को प्रशिक्षित किया। इसी दौरान 3 महीने का स्किल डेवलपमेंट प्रोग्राम शुरू किया गया जोकि बहुत प्रचलित रहा। जिसके कारण ही आज खुम्ब उद्योग को प्रशिक्षित कारीगर मिल रहे हैं। इसी दौरान डिसिजन सपोर्ट सिस्टम के तहत हजारों खुंब उत्पादकों को वर्ष भर खुम्ब की खेती का कैलेंडर उपलब्ध करवाया। कोरोना काल में ऑनलाइन प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू किए गए जोकि बहुत लोकप्रिय हुए और इनसे केंद्र को 60 लाख से अधिक की आय हो चुकी है। इस उपलक्ष्य पर खुम्ब अनुसंधान केंद्र चंबाघाट में एक सादे समारोह का आयोजन किया गया जहां पर समस्त केंद्र के टीम ने उन्हें नए दायित्व के लिए शुभकामनाएं दी।

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