शिमला टाइम
अंतराष्ट्रीय बालिका दिवस पर देश भर में अलग अलग कार्यक्रम आयोजित कर बेटियों को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक किया जा रहा है।शिमला में भी पोर्टमोर स्कूल में बालिका दिवस पर कार्यक्रम आयोजित किया गया जिसमें राज्यपाल विश्व नाथ आर्लेकर ने मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत की और बेटियों के संरक्षण और उनके अधिकारों के प्रति जागरूक किया।
इस मौके पर राज्यपाल विश्वनाथ आर्लेकर ने भारत मे हमेशा ही बेटियों को सबसे ऊपर का दर्जा दिया गया है।लेकिन कुछ लोगों ने जो चाहते थे कि देश हमेशा गुलाम रहे उन्होंने भारतीय संस्कृति को नष्ट कर लोगों को यह बताने की कोशिश की महिला को हमारे समाज मे दूसरे स्थान में रखा गया है जबकि ऐसा नही है।भारतीय संस्कृति में महिला को माँ का दर्जा दिया गया है।बेटियों के बिना समाज की कल्पना नहीं कि सकती है।
वंही शिमला के रिज मैदान में भी बालिका दिवस के अवसर पर नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी के छात्रों ने सेंटर फॉर चाइल्ड एंड वोमेन स्टडीज और युवसत्ता संस्था के साथ मिलकर नुक्कड़ नाटक कर बेटियों को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक किया और बेटियों को पढ़ाने और संरक्षण करने का संदेश दिया।राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष वंदना योगी ने बताया कि बालिकाओं के संरक्षण को लेकर कई कानून बने है लेकिन उनकी जानकारी बेटियों को नहीं है इसलिए आज बालिका दिवस पर लॉ यूनिवर्सिटी के छात्र नुक्कड़ नाटक के माध्यम से लोगों को जागरूक करने का काम कर रहे हैं।











