आईसीएफएआई विश्वविद्यालय सिक्किम ने डॉ मल्लिका नड्डा को किया डॉक्टरेट ऑफ लिट्रेचर की मानद उपाधि से सम्मानित

शिमला टाइम

आईसीएफएआई विश्वविद्यालय, सिक्किम ने स्पेशल ओलंपिक्स भारत की चेयरपर्सन डॉ मल्लिका नड्डा को आज डॉक्टरेट ऑफ लिट्रेचर (डी.लिट) की मानद उपाधि से सम्मानित किया है। नड्डा आज आईसीएफएआई विश्वविद्यालय के 14 वे दीक्षांत समारोह की अतिथि भी थीं। वे इस कार्यक्रम में वर्चुअली शामिल हुईं।

नड्डा ने इस मानद सम्मान को स्वीकार करते हुए आईसीएफएआई विश्वविद्यालय, विश्वविद्यालय के चांसलर और छात्रों सहित सिक्किम के मुख्यमंत्री, सिक्किम के सम्माननीय राज्यपाल और सिक्किम के मुख्य न्यायाधीश को धन्यवाद देते हुए कहा कि यह सम्मान मुझे लगातार समर्पण भाव से दिव्यांगो के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने की प्रेरणा देती रहेगी।

नड्डा को डी.लिट की यह मानद उपाधि देने का निर्णय विश्वविद्यालय के चांसलर पूर्व राजदूत डॉ आरपी कौशिक, बोर्ड ऑफ गवर्नर्स, प्रबंधन बोर्ड, संकाय और छात्रों की ओर से उनके स्पेशल ओलंपिक्स भारत के लिए किए गए उल्लेखनीय कार्यों हेतु दिया गया। श्रीमती नड्डा पिछले दो दशकों से स्पेशल ओलंपिक भारत से काफी सक्रियता और जुनून के साथ से जुड़ी हुई हैं।

स्पेशल ओलंपिक भारत, स्पेशल ओलंपिक इंटरनेशनल का राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त कार्यक्रम है, जो एक वैश्विक समावेश आंदोलन है जो खेल की शक्ति के सहारे बौद्धिक दिव्यांगों के जीवन को बदलने के लिए कार्य करती है।

मल्लिका नड्डा ने बिलासपुर में चेतना संस्था की स्थापना करके समाज में अलग-थलग और कम विशेषाधिकार प्राप्त लोगों की सेवा की शुरुआत की थी। यह संस्था दिव्यांगों को समाज की मुख्य धारा से जोड़ने में अहम भूमिका निभा रही है।

ज्ञात हो ICFAI सोसायटी की स्थापना 1984 में एक गैर-लाभकारी समाज के रूप में की गई थी, जिसका उद्देश्य नागरिकों को विश्व स्तर की गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, विशेष रूप से वंचितों और गरीब सामाजिक-आर्थिक स्थिति से संबंधित लोगों को सशक्त बनाना है। ICFAI विश्वविद्यालय सिक्किम (IUS) भारत के पूर्वोत्तर क्षेत्र में प्रतिष्ठानों में से एक है।

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