शिमला टाइम
मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने कहा कि भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण ने आवश्यक भूमि के साथ संशोधित मास्टर प्लान प्रस्तुत किया है ताकि प्रस्तावित ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट मंडी का रनवे ओरिएंटेशन तय किया जा सके और सलाहकार द्वारा ओएलएस चार्ट तैयार किया जा सके। वे आज यहां मंडी हवाईअड्डे के विकास के संबंध में बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे।
जय राम ठाकुर ने कहा कि राज्य सरकार ने नागरिक उड्डयन मंत्रालय और भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण के सुझावों के अनुसार रनवे के संरेखण को ठीक करने के लिए वैपकोस लिमिटेड के माध्यम से लीडार (लाइट डिटेक्शन एंड रेंजिंग) सर्वेक्षण किया है। उन्होंने कहा कि यह सर्वेक्षण इस साल 21 जुलाई को पूरा किया गया था और वैपकोस लिमिटेड मेसर्स जियोको इंडिया प्राइवेट लिमिटेड ने भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण को LiDAR सर्वेक्षण डेटा प्रस्तुत किया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि नागरिक उड्डयन मंत्रालय द्वारा दी गई साइट मंजूरी और पूर्व में प्रस्तुत मास्टर प्लान के अनुसार 2100 मीटर के रनवे को दक्षिणी तरफ 1050 मीटर के संभावित विस्तार के साथ योजना बनाई गई थी। उन्होंने कहा कि एरियल लिडार सर्वेक्षण के अनुसार और निर्णय के अनुसार केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री के साथ बैठक में 3150 मीटर की लंबाई वाले रनवे की व्यवहार्यता का पता लगाया गया था। उन्होंने कहा कि विश्लेषण के आधार पर संशोधित लेआउट पर काम किया गया है, जिसकी लंबाई 1050 मीटर है, जो दक्षिणी तरफ के बजाय उत्तरी तरफ है।
जय राम ठाकुर ने कहा कि साइड में बड़े बदलाव के साथ रनवे एबी-320 प्रकार के विमानों के संचालन के लिए उपयुक्त होगा। उन्होंने कहा कि कैट-1 लाइटिंग सिस्टम के साथ नाइट लैंडिंग की सुविधा से इस हवाईअड्डे से पूरे साल परिचालन संभव होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार इस महत्वाकांक्षी परियोजना को विकसित करने के लिए हिमाचल प्रदेश सरकार और भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण के बीच एक संयुक्त उद्यम कंपनी बनाने पर भी विचार करेगी। उन्होंने कहा कि यह परियोजना न केवल राज्य को बेहतर हवाई संपर्क प्रदान करेगी और राज्य में पर्यटन उद्योग को बढ़ावा देगी बल्कि रणनीतिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण होगी।
जय राम ठाकुर ने कहा कि राज्य सरकार इस परियोजना के रणनीतिक महत्व को ध्यान में रखते हुए वित्त पोषण के लिए केंद्र सरकार के साथ मामला उठाएगी। उन्होंने कहा कि 15वें वित्त आयोग ने भी रुपये की सिफारिश की है।
