शिमला टाइम
विधानसभा बजट सत्र की शेष बैठकें अपरिहार्य कारणों से अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दी गई है। कोरोना वायरस के बढ़ते खतरे के मद्देनज़र विधानसभा सदन में सदस्यों की सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया। संसदीय कार्य मंत्री सुरेश भारद्वाज ने सदन में विधानसभा सदन की बैठकें निलंबित करने का प्रस्ताव लाया था। जिस पर नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि वैश्विक समस्या है ऐसे में जो प्रस्ताव सदन में लाया गया है विपक्ष इसका समर्थन करते हैं। साथ कि संशोधन की मांग की कि शेष 7 बैठकें अगले सत्र में जोड़ी जाएं। सुरेश भारद्वाज ने कहा कि 7 बैठकों को मानसून व शीतकालीन सत्र में शामिल किया जाएगा।

इसके बाद नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि पूरा प्रदेश लॉक डाउन किया जाना चाहिए। ताकि प्रदेश को बचाया जा सके। उन्होंने मांग की कि सीएम सदन में घोषणा करें। उन्होंने कहा कि सरकार ने गाड़ियां बन्द कर दी, कर्मचारियों को छुट्टी नहीं कि। फैक्ट्री, मनरेगा और अन्य कर्मियों को पेड होलिडेस हो। दवाई, गैस को लेकर हाहाकार न मचे और न ही कालाबाज़ारी हो। केंद्र से भी कहे कि मनरेगा पेमेंट एडवांस में भेजें। प्रदेश के लोगों को केवल आदेश के अलावा बॉर्डर ढंग से सील करवाएं। पंजाब के साथ लगती सीमाएं अभी सील नहीं हुई है। आपात सेवाओं के कर्मचारियों के सभी कर्मियों को छुट्टी करें। उन्होंने कहा कि हिमाचल में परिंदा भी पर न मार पाए इसके लिए विपक्ष भी आपका साथ देगा। साथ ही उन्होंने ऐसी व्यवस्था की मांग की जिससे विधायक लोगों को सेनेटाइजर और मास्क दे सकें। 31 मार्च नहीं बल्कि 15 दिन तक लॉक डाउन किया जाए।
किन्नौर के विधायक जगत नेगी ने कहा कि कोरोना महामारी है खाली बातों से काम नहीं चलेगा। सभी विधानसभा क्षेत्रों में आपदा प्रबंधन कमेटी बनाई जाए। ताकि ज़मीनी स्तर पर काम हो सके।
इसके बाद सीएम ने कोरोना वायरस पर अपना वक्तव्य दिया और प्रदेश को लॉक डाउन करने की घोषणा की और इससे संबधित जानकारी सदन में रखी। इसके बाद सर्वसम्मति से साल 2020-21 के लिए बजट पारित किया और विधानसभा सत्र अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया।











