स्वच्छता सर्वेक्षण में निरन्तर गिरती शिमला की रैंकिंग, भाजपा शासित नगर निगम व मंत्री सुरेश भारद्वाज जिम्मेदार: संजय चौहान

शिमला टाइम
भारत की कम्युनिस्ट पार्टी(मार्क्सवादी) की जिला कमेटी का मानना है कि देश में किये स्वास्थ्य सर्वेक्षण 2021 में प्रदेश की राजधानी शहर की रैंकिंग पिछले वर्ष 2020 में 65वें रैंक से इस वर्ष 102वें रैंक पर गिरने के लिए प्रदेश की भाजपा सरकार व नगर निगम शिमला की लचर कार्यप्रणाली के परिणाम है। जबकि वर्ष 2016 में जब भाजपा सत्ता में नहीं थी उस समय स्वच्छता सर्वेक्षण की रैंकिंग में 26वां रैंक था। परन्तु जबसे भाजपा सरकार व नगर निगम में सत्तासीन हुई है तबसे ही प्रदेश में निजीकरण की नीतियां तेजी से लागू कर रही है और सरकार ने सभी सेवाओं जिसमें शिक्षा, स्वास्थ्य, पानी, बिजली, सफाई जैसी जनता की मूलभूत आवश्यकताओं को भी निजी हाथों में सौंपने का कार्य किया है।

भारत की कम्युनिस्ट पार्टी(मार्क्सवादी) जिला सचिव संजय चौहान ने कहा कि सरकार ने सभी विभागों में नियमित भर्तियों पर रोक लगा रखी है और आउटसोर्स ठेके पर तदर्थ आधार पर भर्तियां की जा रही है। इनमें ठेका प्रथा को बढ़ावा दिया जा रहा है। अधिकांश भर्तियां आउटसोर्स व अंशकालिक रूप से भर्ती की जा रही है। इसमें भी भाजपा चेहते ठेकेदारों की कंपनियों को फायदा देने के लिए कार्य कर रही है। आज केवल नगर निगम शिमला मे ही 950 से अधिक सफ़ाई व अन्य कर्मियों के पद खाली है और सरकार इनको भरने के लिए कोई भी कार्य नहीं कर रही है। एक ओर इन निजीकरण की नीतियों से जनता पर अधिक टैक्स वसूली कर जनता पर और अधिक आर्थिक बोझ डाला जा रहा है और दूसरी ओर इन कर्मियों का भी ठेकेदार व कम्पनियों का शोषण किया जा रहा है।

भाजपा शासित नगर निगम शिमला ने पिछले साढ़े चार वर्षों में जनता पर निरन्तर टैक्स बढ़ाने का ही कार्य किया है। पानी की दरों, प्रॉपर्टी टैक्स, कूड़ा उठाने की फीस, दुकानों के किराए व अन्य सेवाओं की दरों में निरंतर वृद्धि की जा रही है। इन साढ़े चार वर्षों में पानी की दरों, प्रॉपर्टी टैक्स, दुकानों के किराए में वृद्धि के साथ केवल कूड़ा उठाने की फीस में ही इस दौरान दोगुना से अधिक वृद्धि की गई है। एक ओर जनता पर आर्थिक बोझ डाला जा रहा है दूसरी ओर सेवाओं में कटौती से इसके स्तर में गिरावट आ रही है। जिसका परिणाम स्वच्छता सर्वेक्षण में निरन्तर गिरती रैंकिंग भी है और इसकी सीधी जिम्मेदारी भाजपा की सरकार व नगर निगम की है। विशेष रूप से शिमला शहर के विधायक जो शहरी विकास मंत्री भी है इनकी इसकी बड़ी जिम्मेदारी बनती है।



Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *