शिमला टाइम
आपने सुना तो होगा ही कि बूढ़े और बच्चे एक समान होते हैं। बचपन में मां बाप उंगली पकड़ कर जिस तरह अपने बच्चों को तरह -तरह की मुसीबतों से बचाते है और उनका ख्याल रखते है। बुढ़ापे में वही दौर एक बार फिर शुरू हो जाता है लेकिन इस बार हाथ थाम कर चलाने की बारी बच्चों की होती है। एक सहारा जो अपने छोटों से बुजुर्ग लोग चाहते है, फिर चाहे वो दो बोल प्यार के ही क्यों न हो। मगर आज की इस भागदौड़ भरी ज़िन्दगी में अपने बड़े बुजुर्गों को न हम वो सहारा दे पा रहे है न उस तरह उनका ख्याल रख पाए रहे है। और प्यार व चिंता होने के बावजूद भी कहीं न कहीं जीवन में आगे बढ़ने की होड़ में हमारे बुजुर्ग पीछे घर में अकेले रह जाते है। ऐसा भी नहीं है कि किसी फ़िल्मी कहानी की तरह वह निर्दयी बच्चे है बल्कि मां बाप भी कहीं और जाकर नहीं रहना चाहते। इसलिए अकेले रहना पसंद करते है और अपने बच्चों को भी आगे बढ़ने से नहीं रोकते।
हां, यह कहने से भी गुरेज नहीं करेंगे कि ऐसे भी कई मामले होते है जहां बुजुर्गों को बोझ समझने के कारण अनदेखा किया जाता है। जिनकी मदद के लिए कई सामाजिक संस्थाएं आगे भी आती है भले ही वो तब जब कोई मामला सामने आता है और सामने वाला पीड़ित हो। मगर शिमला की एक संस्था ऐसी भी है जिन्होंने अपनी ओर से अकेले रह रहे बुजुर्गों की तरफ आगे हाथ बढ़ाया है। ताकि उनकी रोजमर्रा की जरूरतों को पूरा किया जा सके।
हम बात कर रहें है “Connecting lives” संस्था की जो शिमला में महिलाओं, खास कर एकल महिलाओं के हितों के लिए काम कर रही है। और अब एक नई मुहिम शुरू करने जा रही है जिसके तहत अकेले रह रहे बुजुर्गों के घर से बाहर के काम निपटाने में मदद की जाएगी। ताकि हांफते हुए बुजर्गों को बिजली, पानी व अन्य बिलों को जमा करवाने कतार में खड़े नहीं होना पड़े। कनेक्टिंग लाइव संस्था की अध्यक्ष बिमला ठाकुर का कहना है कि शिमला की भूगौलिक परिस्थिति ऐसी है कि एक जगह से दूसरी जगह पहुंचना जहां इतना आसान नहीं। वहीं बुजुर्गों के लिए तो डगर कठिन है।

इसलिए संस्था ने निर्णय लिया है कि नगर निगम शिमला के दायरे में रहने वाले 70 से अधिक आयु के अकेले बुजुर्गों , जिन्हें बाहर जाने में कठिनाइयां आती है। उनके बाहर के पूरा करने का जिम्मा संस्था लेगी। फिर चाहे वो बिल जमा करवाने हो या अन्य कोई जरूरत के कामकाज़। खास कर अकेले रह रही महिला बुजुर्ग बिमला ठाकुर से मोबाइल नम्बर 94189 56561 पर सम्पर्क कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि जब जरूरतमंद वरिष्ठ नागरिकों के नाम संस्था के पास आ जाएंगे तो नामों की सूची बनाकर एरिया वाइज संस्था के सदस्यों को जिम्मा सौंपा जाएगा।