शिमला टाइम
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कुलदीप सिंह राठौर ने आज प्रदेश भाजपा सरकार के चार साल की विफलताओं के खिलाफ एक ज्ञापन राज्यपाल को सौंपा।इस ज्ञापन में सरकार के चार साल में उसकी विफलताओं के साथ साथ भ्रष्टाचार के आरोप लगाए गए हैं।उन्होंने राज्यपाल से ज्ञापन में लगाये गए भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच करने की गुहार लगाते हुए कहा है कि बर्तमान भाजपा सरकार ने चुनावों में किये गए अपने किसी भी वायदे को पूरा नही किया है।इस दौरान उनके साथ शिमला जिला कांग्रेस अध्यक्ष शहरी जितेंद्र चौधरी व ग्रामीण के अध्यक्ष यशवंत सिंह छाजटा,प्रदेश महिला कांग्रेस अध्यक्ष जैनब चंदेल सहित पार्टी के अन्य कई पदाधिकारी मौजूद थे।ज्ञापन में आवश्यक वस्तुओं के बढ़ते मूल्यों के साथ साथ कोरोना काल में टूरिज्म, ट्रांसपोर्ट, शिक्षा के क्षेत्र भूरी तरह प्रभावित हुए, जिसकी ओर सरकार ने न तो कोई ध्यान ही दिया और न ही कोई राहत ही दी।युवाओं को बेरोजगारी से जूझना पड़ रहा है।
सरकार ने सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग करते हुए सरकारी धन का भी दुरुपयोग किया।इसी तरह प्रदेश में कानून व्यवस्था पूरी तरह चरमरा कर रह गई है।नशे का कारोबार बढ़ता जा रहा है।ज्ञापन में इंवेस्टरमीट की विफलता को लेकर करोड़ों रुपए खर्च करने और अब दूसरे दौर में 28,197 करोड़ के निवेश को भी लोगों की आंखों में धूल झोंकने जैसा बताया है।प्रदेश सरकार आद्योगिक विकास के लिए कोई भी केद्रीय पैकेज लाने में विफल रही है।बड़े प्रोजेक्ट्स की स्वीकृति को एनओसी की बाध्यता खत्म करने व 118 के नियम को लचीला करने से साफ है कि हिमाचल एक बार फिर से ऑन सेल पर चल पड़ा है।प्रदेश सरकार अपने इस कार्यकाल में रेल विस्तार व एयर सम्पर्क बढ़ाने में भी असफल रही है।इसी तरह किसानों व बागवानों के हितों की पूरी तरह अनदेखी की गई है।

बागवानी का 1134 करोड़ का प्रोजेक्ट जो पूर्व कांग्रेस सरकार ने लाया था, उसे स्थापित करने में भी सरकार नाकाम रही है।प्रदेश में पीडीएस सिस्टम फेल होता जा रहा है।प्रदेश में चार उप चुनावों में करारी हार के बाद मुख्यमंत्री बगैर किसी बजट प्रावधान के घोषणाएं कर रहें है।सरकार अपना घाटा पूरा करने के कोई उपाय नही कर रही है और अपने खर्च चलाने के लिए कर्ज पर कर्ज ले रही है।ज्ञापन में भू घोटाला,एक मंत्री के परिवार पर 400 कनाल भूमि खरीद का मामला,स्वास्थ्य उपकरणों में खरीद घोटाला,मेडिसिन खरीद घोटाला, सेनेटाइजर घोटाला,पीपीई खरीद घोटाले के अतिरिक्त किसान सम्मान निधि में घोटाला, जंगल,मानींग,शराब,टेंडर,सरकारी नोकरियों को बेचना व नकली व घटिया दवाओं के माफिया को सरंक्षण जैसे गम्भीर आरोप लगाए गए हैं।