शिमला टाइम
प्रदेश के शास्त्री और भाषा अध्यापकों ने प्रदेश सरकार से टीजीटी पदनाम देने की मांग उठाई है और सरकार को एक माह का समय दिया है यदि सरकार तह समय के भीतर उनकी मांगों को पूरा नही करती है तो अध्यापक आंदोलन का रुख इख्तियार करेगे।
बुधवार को हिमाचल राजकीय संस्कृत शिक्षक परिषद सीएम जयराम ठाकुर से भी मिले।जिसके बाद परिषद के प्रदेशाध्यक्ष डॉ. मनोज कुमार शैल ने शिमला में पत्रकार वार्ता के दौरान कहा कि प्रदेश में संस्कृत को दूसरी भाषा का दर्जा दिया गया है लेकिन स्कूलों में पढ़ाने वाले शास्त्री को टीजीटी पदनाम नही दिया जा रहा है जबकि 1985 से ये माग सरकार के समक्ष उठाई जा रही है। सरकार ने उनकी मांग पूरी करने का आश्वसन दिया गया लेकिन अभी तक उनकी मांगों को पूरा नही किया गया। आज इस मांग को लेकर मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को ज्ञापन सौंपा गया है और शास्त्री टीजीटी और हिंदी टीजीटी पदनाम देने का अग्राह किया गया है।
उन्होंने कहा कि अंग्रेजी के शिक्षकों को तो सरकार ने टीजीटी पदनाम दे दिया है लेकिन शास्त्री ओर हिंदी अध्यापकों को इससे वंचित रखा जा रहा है। सरकार को एक माह का समय दिया गया है और बजट सत्र से पहले उनकी मांग को पूरा करने का समय दिया है और यदि सरकार मांगे पूरी नहीं करती तो परिषद की दूसरे विकल्प के लिए बाध्य होना पड़ेगा जिसकी सारी जिमेवारी सरकार की होगी।










