हिमाचल प्रदेश सरकार ने पंजाब पे कमीशन को अपने हिसाब से तोड़ मरोड़ कर दिया लागू, कर्मचारियों में रोष, प्रवक्ता संघ ने उठाये कई सवाल

शिमला टाइम
वेतन आयोग पंजाब का और वेतनमान हिमाचल का
हिमाचल सरकार का अपना वेतन आयोग न होने के कारण पंजाब वेतन आयोग को ही हिमाचल प्रदेश के कर्मचारियों के लिए लागू किया जाता रहा है और पिछले छ: वर्षों से वर्ष 2016 से पंजाब के छठे वेतन आयोग के लागू होने का हिमाचल प्रदेश के लाखों कर्मचारियों क बेसब्री से इंतज़ार था कि उनके वेतनमान को पंजाब पे कमीशन की रिपोर्ट अनुसार लागू किया जाएगा। 5 जुलाई 2021 को छठे पंजाब पे कमीशन की अधिसूचना जारी होने के साथ ही हिमाचल प्रदेश के कर्मचारियों को भी इसी वेतन आयोग के अनुसार अपने वेतनमान में वृद्धि होने का भरोसा था लेकिन जैसे ही हिमाचल प्रदेश सरकार ने 3 जनवरी 2022 अपने कर्मचारियों के लिए पंजाब पे कमीशन को अपने हिसाब से तोड़ मरोड़ कर लागू किया है उससे लाखों कर्मचारियों को निराशा हाथ आई है हिमाचल सरकार द्वारा जारी संशोधित वेतनमान अधिसूचना में पंजाब पे कमीशन द्वारा जारी वेतनमान को कम कर दिया गया है।
वर्ष 2012 में हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा एक अधिसूचना द्वारा वेतनमान में कुछ संशोधन किया गया था और कुछ श्रेणी का इंनिशियल स्टार्ट को बंद कर दिया था और इसके साथ उनके ग्रेड पे को कुछ बढ़ा दिया गया था और इसे एक स्टेपअप माना गया है |
जहाँ पंजाब सरकार द्वारा छठे वेतन आयोग के अनुसार दो गुणांक दिए गए हैं और वे हैं….
i) 2.25 बढ़ाए गए ग्रेड पे के मामले में और
ii) पुराने ग्रेड पे के मामले में 2.59
और ये गुणांक कारक पंजाब पे स्केल में इंनिशियल वेतन पर लागू होते हैं लेकिन न्यूनतम पेबैंड + ग्रेड पे पर नहीं।
और जबकि हिमाचल में इंनिशियल पे के स्थान पर केवल न्यूनतम पे बैंड और ग्रेड पे लागू किया गया है
इसे एक उदाहरण से समझ सकते हैं पंजाब पे कमीशन के अनुसार 2.25 गुणांक का विकल्प लेने पर
स्कूल लेक्चरर का मामला लें:
ग्रेड पे ₹5400
इंनिशियल पे ₹ 20300
तो, 20300×2.25 = ₹45675

अब ₹4200 के पे मैट्रिक्स में यह ₹47000 . के करीब आ गया है
इसलिए, स्कूल लेक्चरर को ₹47000 पर नियत किया जाना चाहिए जैसा कि पंजाब में तय किया गया है।लेकिन हिमाचल सरकार द्वारा जारी संशोधित वेतनमान में स्कूल लेक्चरर को केवल ₹43000 वेतनमान पर रखा गया है जो कि पंजाब के मुकाबले ₹3900 कम है

इस प्रकार हिमाचल प्रदेश सरकार ने पंजाब पे कमीशन की रिपोर्ट को हिमाचल प्रदेश में मनमाने ढंग से लागू करने का प्रयास किया गया है जिसके परिणामस्वरूप लाखों शिक्षकों और कर्मचारियों की वेतन वृद्धि पंजाब पे कमीशन की रिपोर्ट अनुसार कम हुई है।
इसलिए पंजाब वेतन आयोग को सख्ती से लागू किया जाना चाहिए।
हिमाचल प्रदेश प्रवक्ता संघ के जिला प्रधान नरेश ठाकुर ने कहा है कि जब हिमाचल प्रदेश पंजाब पे कमीशन का पालन कर रहा है तो एक बड़ा सवाल है कि हिमाचल सरकार अपने वेतनमान कैसे लागू कर सकता है। हिमाचल प्रदेश सरकार को भी छठे पंजाब पे कमीशन अनुसार पे स्केल हिमाचल में लागू कर उस पर दोनों गुणांक 2.59 और 2.25 के साथ ही 15% वेतन वृद्धि का विकल्प भी देना चाहिए।
हिमाचल प्रदेश प्रवक्ता संघ मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर जी से आग्रह करता है कि हिमाचल प्रदेश के शिक्षकों और कर्मचारियों की पूर्व की भांति पंजाब पे कमीशन की रिपोर्ट अनुसार वेतनमान दिए जाए।
यह संयुक्त बयान वरिष्ठ उपप्रधान भूपेन्द्र ठाकुर, महासचिव लक्ष्मीकांत, कोषाध्यक्ष सुरेन्द्र ठाकुर ,बलवन्त ठाकुर,सुशील,देवकांत,अरविन्द, महेन्द्र कुमार, सुनिल ठाकुर,अतुल ,श्रीकांत,अशोक शर्मा,अरविन्द अत्री ,यशपाल चौहान,यशपाल शर्मा,राजीव,बाबू राम,मदन लाल,प्रशांत,तरसेम,मनोज,भूपेन्द्र सांख्यान,राजकुमार,हिमान्सु,संदीप, नरेश कुमार,संजीव कुमार ने जारी किया। जिला प्रधान नरेश ठाकुर ने सरकार से पुनः मांग करते हुए कहा है कि पंजाब के तर्ज पर नया वेतन मान शीघ्र जारी करें अन्यथा अध्यापक और कर्मचारी अपने हितों की लड़ाई के लिए विरोध का रास्ता अपनाने से गुरेज नही करेंगे। जो वेतनमान पंजाब सरकार ने दिया है उसे हिमाचल सरकार ने तरोड मरोड़ कर बदल दिया है जो हिमाचल के कर्मचारियों को कतई भी मंजूर नही है इसलिए सरकार उस पर पुनर्विचार करके पंजाब में दिए गए तीनो विकल्पों को शीघ्र लागू करे तभी हिमाचल के कर्मचारी एक महीने में अपना विकल्प चुन पाएंगे।

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