पंचायत वेटरनरी फार्मासिस्ट संघ ने प्रदेश सरकार के खिलाफ खोला मोर्चा, नियमितीकरण की मांग को लेकर 3 फरवरी को करेंगे प्रदर्शन

शिमला टाइम

हिमाचल प्रदेश में इस साल विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं। चुनावी वर्ष के दौरान विभिन्न राजनीतिक, सामाजिक और कर्मचारी संगठनों ने अपनी मांगों को लेकर प्रदेश सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। अब पंचायत वेटरनरी फार्मासिस्ट संघ ने प्रदेश सरकार के खिलाफ आंदोलन करने की रणनीति तैयार कर दी है। संघ ने आगामी 3 फरवरी तक सरकार से अपनी मांगों को पूरा करने की मांग की है।यदि प्रदेश सरकार 3 फरवरी तक उनकी मांगों को पूरा नहीं करती है तो संघ प्रदेश व्यापी प्रदर्शन कर आगामी बजट सत्र में क्रमिक अनशन भी करेगा।

संघ की प्रदेश अध्यक्ष संधीरा टेगटा ठाकुर ने शिमला में आयोजित एक पत्रकार वार्ता के दौरान कहा कि वेटरनरी फार्मासिस्ट कर्मचारी पशुपालन विभाग की एक रीड की हड्डी है। जो प्रदेश दूर दराज क्षेत्रों में सेवाएं देते हैं लेकिन 2012 में भर्ती हुए वेटरनरी फार्मासिस्ट 10 साल बीत जाने के बाद भी रेगुलर नहीं हो पा रहे हैं। जिसका खामियाजा प्रदेश के 507 वेटरनरी फार्मासिस्ट को भुगतना पड़ रहा है। उन्होंने कहा है कि 2012 में 850 वेटरनरी फार्मासिस्ट भर्ती हुए थे जिनमें से 254 लोग बैच वाइज आधार पर रेगुलर हो गए हैं जबकि 38 लोगों ने नौकरी छोड़ी इसके अलावा बाकी बचे 507 कर्मचारी अभी भी रेगुलर होने के लिए सरकार की राह देख रहे हैं। सरकार ने अनुबंध कर्मचारियों का जो कार्यकाल है उसे 3 वर्ष से घटाकर 2 साल कर दिया है लेकिन अभी भी जो 507 पंचायत वेटरनरी फार्मासिस्ट है वह 10 साल बीत जाने के बाद भी रेगुलर नहीं हो पा रहे हैं। जिससे अब महंगाई के दौर में उनका गुजर-बसर करना मुश्किल हो गया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने अपने घोषणापत्र में भी उन को रेगुलर करने को लेकर वायदा किया था लेकिन 2018 में एक बार फिर उन्हें कॉन्ट्रैक्ट का फॉर्म दिया गया है। जो 2021 में खत्म हो गया है। अब उन्हें उम्मीद थी कि 2022 में उन्हें रेगुलर किया जाएगा लेकिन सरकार ने बाकी कर्मचारियों को तो रेगुलर कर दिया लेकिन पंचायत बैटनरी फार्मासिस्ट रेगुलर नहीं हो पाए हैं।

3 फरवरी को प्रदेशव्यापी प्रदर्शन कर डीसी के माध्यम से सीएम को सौंपेंगे ज्ञापन
आगामी 3 फरवरी को प्रदेशव्यापी प्रदर्शन किया जाएगा और डीसी के माध्यम से सीएम को ज्ञापन सौंपा जाएगा। यदि फिर भी उनकी मांग पूरी नहीं होती है तो आगामी बजट सत्र के दौरान सभी 507 कर्मचारी विधानसभा परिसर के बाहर क्रमिक अनशन पर बैठेंगे।

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