शिमला टाइम
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सुरेश कश्यप वर्तमान समय में खुद दो पेंशन ले रहे हैं और सांसद का वेतन ले रहे हैं अर्थात वह सरकारी पैसा तीन जगह से ले रहे हैं और कर्मचारियों की पेंशन का विरोध कर रहे हैं। जिससे कर्मचारी वर्ग में भारी रोष है और उनसे मांग करता है कि उन्हें यदि कर्मचारियों की पेंशन के प्रति इतनी ही दिक्कत है तो वह जो दो पेंशन ले रहे हैं तुरंत प्रभाव से उन्हें अपनी वह दोनों पेंशन छोड़ देनी चाहिए। वर्तमान समय में उनकी पेंशन एक लाख से अधिक और वेतन भी एक लाख से अधिक है । वह सरकारी पैसा 2 – 3 लाख के बीच या इससे अधिक ले रहे हैं जो कि सीधे-सीधे सरकारी पैसे की लूट है। राजनीति समाज सेवा का एक माध्यम हुआ करती थी लेकिन वर्तमान राजनीतिज्ञ सीधे-सीधे सरकारी पैसों को लूटने का काम कर रहे हैं जो सरासर गलत है l कर्मचारी अपना संवैधानिक हक मांग रहे हैं जिसे इन राजनेताओं द्वारा छीन लिया गया है। नई पेंशन स्कीम कर्मचारी महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष प्रदीप ठाकुर, महासचिव भरत शर्मा, संगठन के संस्थापक नरेश ठाकुर, अन्य कई पदाधिकारियों ने सामूहिक बयान में कहा कि उन्हें संविधान के दायरे के अनुसार ही पेंशन मिलती थी लेकिन अब संविधान की अवहेलना हो रही है। जो नेता खुद 2-3 पेंशन लेते हैं वह कर्मचारियों की पेंशन का विरोध करते हैं । प्रदेश अध्यक्ष प्रदीप ठाकुर ने कहा कि जहां एक तरफ सुरेश कश्यप कर्मचारियों की पेंशन बहाली को लेकर गलत बयान बाजी कर रहे हैं वही अपनी पेंशन को लेकर मुस्कुरा कर चुप रहते हैं। वर्तमान समय में हिमाचल प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी की सरकार है। जब 2017 में चुनाव हुए थे तब इसी दल के मेनिफेस्टो में कर्मचारियों की पुरानी पेंशन बहाली के संबंध में लिखा गया था लेकिन दुख की बात है कि इतने बड़े राजनीतिक दल के प्रदेश अध्यक्ष आज कर्मचारियों की पेंशन के खिलाफ बोल रहे हैं l जबकि सरकार द्वारा पेंशन बहाली हेतु कमेटी गठन के लिए अधिसूचना की गई है।

मुख्यमंत्री को इस बात का स्पष्टीकरण देना चाहिए कि वह कर्मचारियों की पुरानी पेंशन बहाली हेतु कमेटी गठन करने की अधिसूचना के संबंध में क्या अपने राजनीतिक दल से अलग विचार रखते हैं। मुख्यमंत्री भी भारतीय जनता पार्टी से ही संबंध रखते हैं इसलिए कर्मचारी उनसे भी पूछना चाहते हैं कि क्या सरकार और उनके दल में कोई मतभेद है या फिर सरकार के द्वारा कर्मचारियों को गुमराह किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि संगठन द्वारा जल्द राज्य स्तरीय बैठक बुलाकर आगे की रणनीति बनाई जाएगी l यदि सरकार जल्द कर्मचारियों की पेंशन बहाल नहीं करती तो इसका विरोध पूरे प्रदेश में किया जाएगा ।