वेतन विसंगतियां- हिमाचल प्रदेश संयुक्त कर्मचारी महासंघ के 20 फरवरी से प्रदर्शन शुरू, उसके बाद विधान सभा घेराव, पुलिस कर्मियों की मांग का भी समर्थन, वीरेंद्र चौहान को शो कॉज नोटिस देना कर्मचारियों की आवाज़ को दबाने का नाकामयाब प्रयास

शिमला टाइम

शिमला के कालीबाड़ी हॉल में हिमाचल प्रदेश संयुक्त कर्मचारी महासंघ के राज्यस्तरीय सम्मेलन का आयोजन किया गया। जिसकी अध्यक्षता महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र चौहान ने की। इस सम्मेलन मे मुख्य रूप से 21 अलग -अलग विभिन्न विभागों, बोर्डों ,निगमों के 41 प्रदेश कर्मचारी संगठनों के पदाधिकारियों ने भाग लिया। जिसमें HRTC से पांच संगठन, शिक्षा विभाग से 9, बिजली बोर्ड से 1, राजस्व विभाग 2, विश्वविद्यालय से 3, पशुपालन विभाग से 2, नगर निगम से 2, वन विभाग से 2, ऑडिट एंड एकाउंट से 1, कृषि विभाग 2, वन निगम से 1, अग्निशमन दमकल विभाग से 1, आयुर्वेदा से 1, जल शक्ति विभाग से 3, बागवानी विभाग से 1, लेखन व मुद्रण विभाग से 1, निर्वाचन विभाग से 1, उद्योग विभाग से 1, सर्व चतुर्थ श्रेणी विभाग से 1, सर्व लिपिक राज्यमहासंघ से 1 संगठन ने भाग लिया। इस तरह के कुल मिलाकर 41 संगठनों ने भाग लिया। बैठक में सर्वप्रथम संयुक्त कर्मचारी महासंघ की राज्यकरिणी का विस्तार किया गया। जिसमें 50 से अधिक अलग अलग् विभागों के पदाधिकारियों को महासंघ की राज्यकार्यकरिणी का दायित्व सौपा गया। जिसमें 10 प्रदेश उपाध्यक्ष,12 संयुक्त सचिव, 10 संघठन सचिव, 5 सलाहकार, 2 वेब मीडिया सचिव, 2 प्रेस सचिव नियुक्त किए गए।

ध्वनि मत से प्रस्ताव पारित
सर्वप्रथम हाउस ने ध्वनिमत से प्रस्ताव पारित कर महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र चौहान को दिए गए शो कॉज नोटिस की कड़े शब्दों से निंदा की और उसे कर्मचारियों की आवाज़ को दबाने का एक नाकामयाब प्रयास बताया। उसके बाद संयुक्त कर्मचारी महासंघ द्वारा सरकार को छठे वेतन आयोग की वेतन विसंगतियों को दूर करने के लिए दिए गए 15 दिन के नोटिस की अवधि समाप्त होने पर उस सरकार द्वारा अभी तक कोई कार्यवाही नहीं किए जाने पर हाउस ने आगे की रूपरेखा तैयार कर पंजाब के वेतन आयोग को शत प्रतिशत उसी रुप में लागू करने के लिए आगे की रूप रेखा का एलान किया। जिसमें कर्मचारियों की संशोधित 01/10/2012 क तहत 2 साल की शर्त हटाने और इनिशियल स्टार्ट से वेतनमान की गणना करने तथा 4-9-14 टाइम स्केल की गणना पंजाब की तर्ज पर 01/01/2022 तक कर उसके उपरांत 15℅ का विकल्प बहाल करना साथ ही पंजाब या केंद्र की तर्ज पर भतों में वृद्धि करना संयुक्त कर्मचारी महासंघ की मुख्य मांग के बिन्दु है।
महासंघ ने पुलिस कर्मियों के साथ हुए सौतेले व्यवहार और 5 साल के पे बेंड को भी गलत ठहराया। इन सब मांगों को मनवाने के लिए जब तक महासंघ को मुख्यमंत्री द्वारा चर्चा के लिए नहीं बुलाया जाता तब तक महासंघ अपना संघर्ष जारी रखेगा।

महासंघ द्वारा शीतकालीन सत्र की अवधि खत्म होने से पहले विधान सभा का घेराव किया जाएगा। उससे पहले महासंघ अपनी ताकत को और मजबूत करने के लिए जिला स्तर पर महासम्मेलन तथा प्रोटेस्ट शुरू किए जाएंगे तथा जिला उपायुक्तों के माध्यम से सरकार को ज्ञापन दिए जाएंगे। जिसकी शुरुआत मुख्यमंत्री के गृह जिला मंडी से 20 फरवरी से जाएगी। उसके बाद 21 फरवरी को जिला कांगड़ा, 22 को जिला कांगड़ा, 27 को जिला बिलासपुर, 28 को जिला हमीरपुर, 1 मार्च को जिला ऊना , 6 मार्च सोलन, 7 मार्च को सिरमौर, और 11 मार्च को जिला कुल्लू में विरोध स्वरूप महासम्मेलन रखे जाएंगे और साथ साथ जिलों में महासंघ की जिला व ब्लॉक स्तर की कार्यकारिणी का भी गठन किया जाएगा। उसके तुरंत बाद विधान सभा के घेराव की तिथि निश्चित की जाएगी।

आज के इस महाअधिवेशन में मुख्य वक्ता के रूप में हीरालाल वर्मा महासचिव महासंघ, विनोद ठाकुर, मुख्य सलाहकार, कुलदीप खरवाड़ा मुख्य संघठन सचिव, खेमेन्द्र गुप्ता ,कोषाध्यक्ष, शमेशर ठाकुर, अविन्द मेहता,नरेश कुमार,अरुण गुलेरिया, विनोद शर्मा,एल.डी चौहान, एम.आर.बरागटा, चितरंजन महंत,चमन ठाकुर, तिलक नायक,रमेश कुमार,भूपेश ठाकुर, बोविल ठाकुर, यशवंत कंवर,घनश्याम आदि रहे। यह जानकारी संयुक्त कर्मचारी महासंघ के वैव एंड मीडिया के सचिव डॉ सुरेन्द्र शर्मा और सचिन जसवाल ने दी।

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