शिमला टाइम
सरकारी स्कूलों में सेवाएं दे रहे कंप्यूटर शिक्षक भारी मानसिक तनाव में है। शिक्षा विभाग में विभिन्न नीतियों के तहत लगे कई शिक्षक जो अपनी एजुकेशन योग्यता भी पूरी नहीं करते थे। ऐसे लोगों को भी सरकार ने नियमित कर लाभ दे दिया। मगर कंप्यूटर शिक्षक जो MCA करने के बाद स्कूलों में लगे और सालों से डटे है, इन शिक्षकों को अपना भविष्य खतरे में लग रहा है। उनकी मांग है कि सरकार उन्हें नियमित कर उनका भविष्य सुरक्षित करें। ऐसे में जब भाजपा सरकार जिन भर्तियों की धुर विरोधी रही है, उन्हें भी वह लाभान्वित कर चुकी है। ऐसे में उन्होंने सवाल उठाया है कि कंप्यूटर शिक्षकों से ही भेदभाव क्यों? ऐसे ही कई सवाल उठाते हुए कंप्यूटर शिक्षक ने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के नाम खुला पत्र लिखा है।

खुला पत्र मुख्यमंत्री के नाम
महोदय,
बड़े दुख के साथ यहां cm portal पर लिखा जा रहा है कि सरकारी मिलीभगत करने के चलते 1321 कंप्यूटर शिक्षक आजकल, भारी मानसिक तनाव में आ गए है। हैरानी है कि हमारी नियुक्ति 2001 में Msc, MCA करने के बाद हुई है। और आज सभी भर्ती नियम पूरे करते है, 21साल की नौकरी के बाद हमें सिर्फ आश्वासन मिल रहे है। हमारे मामले में कंपनियां अपना बिज़नेस कर रही और पैसा इन्वॉल्व है। हैरानी है 132 कंपनियां है जिनसे data निकालना भी मुश्किल हो गया, ये संख्या सरकार के विभागों से दोगुनी है मतलब अब कंपनियां घूमा रही सबको, lobbying कर रही है। पूरा प्रदेश जानता है कि PTA शिक्षक कैसे लगे और बीजेपी जो इस नीति की धुर विरोधी थी, ने भी उनको नौकरी में ले लिया और 1400 leftout को सीधा रेगुलर किया।
आज हमारी और उनकी सैलरी मे 40,000 का अंतर आ गया है । अब हैरानी है हमारा प्रधान हेतराम, थुनाग से है मेरा पत्र सीधा मुख्यमंत्री जी को भेजा जाए, ताकि न्याय हो सके, मैं जल्दी ही cm helpline grivience को print कर मुख्यमंत्री को भी भेजूंगा, और कम्प्यूटर शिक्षकों का जीवन बचाया जाए क्योंकि 11-13000 हजार से परिवार का गुजारा करना मुश्किल हुआ अब, और सभी परिवार तनाव में है।