शिमला टाइम
वोकेशनल प्रशिक्षक महासंघ ने आउटसोर्स पर कार्यरत हजारों वोकेशनल प्रशिक्षकों के लिए स्थाई नीति बनाने के लिए गठित कमेटी व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर का आभार जताया। ऐसे में जब स्थायी नीति बनाने से प्रदेश में आउटसोर्स कर्मचारियों के साथ साथ उनके परिवार भी लाभांवित होंगे। जिससे बढ़ती हुई महंगाई के दौर में आसानी से गुजारा कर पाएंगे।
महासंघ के अध्यक्ष कुश भारद्वाज ने पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि वर्तमान में प्रदेश सरकार द्वारा 2017 से शुरू किया 18 महाविद्यालयों मे बैचलर ऑफ वोकेशन (B.Voc) तीन साल का डिग्री प्रोफेसनल कोर्स चलाया जा रहा हैं। जिसमें रिटेल व हॉस्पिटलेटी विषयों को शामिल किया गया हैं। इस तरह के डिग्री कोर्सेज का मुख्य उद्देश्य विभिन्न क्षेत्रों में रोजगार के अवसरों को बढ़ाना है और छात्रों को बेहतर प्रशिक्षण के साथ विभिन्न आधुनिक क्षेत्रों में कार्य करने के लिए आवश्यक ज्ञान प्रदान किया जा रहा है। और उनके भीतर छिपे हुए हुनर को विकसित किया जा रहा हैं। बैचलर ऑफ वोकेशन डिग्री उन युवाओं के लिए बड़े पैमाने पर कारगर साबित हो रहा है जो अच्छी नौकरी और बेहतर लाइफस्टाइल के नवीन अवसरों व स्किल्ड जॉब्स की तलाश कर रहे हैं।
हर कोई चाहता है कि उसे अपनी जिंदगी में एक अच्छी नौकरी मिल सके जिससे वह अपनी आवश्यकताओं के साथ- साथ अपने शौक को भी पूरा करने के योग बन सके। B.Voc कोर्स के माध्यम से युवाओं को देश-विदेश में नौकरी के बेशुमार अवसर मिल रहे हैं।
युवाओं को नौकरी के काबिल बनाने के लिए वोकेशनल प्रशिक्षकों ने पहले स्वन्धित व्यवसायिक कम्पनियों में लगभग 6 साल से उपर अनुभव लिया निजी कम्पनियों में सेवाएं देने के बाद, शिक्षा विभाग व निजी कंपनी द्वारा उन्हें रखा गया हैं। वोकेशनल प्रशिक्षक दिन रात एक कर विद्यार्थियों को इंडस्ट्री के योग्य बना रहे हैं। विद्यार्थियों को पढ़ाई के साथ-साथ, उन्हें प्रशिक्षण के लिए साक्षात्कार कराना उसके बाद प्रशिक्षण के दौरान कोई मुश्किल आती है तो उनके साथ ततपर रहना। नॉकरी दिलवाना, और तो कुछ ऐसे विद्यार्थी भी है जनकी सैलरी हमारी सैलेरी से बढ़कर उन्हें मिल रही है। जिससे हमें खुशी होती हैं दूसरी तरफ दुख हम वहीं तक सीमित है यह बात प्रशिक्षकों ने कही, अपना भविष्य दांव पर लगाए हुए हजारों वोकेशनल प्रशिक्षकों ने प्रदेश से सरकार से मांगे रखी हैं।
असम में हजारों वोकेशनल प्रशिक्षकों को हाल ही में नियमित कर दिया गया है हरियाणा में भी स्थायी नीति बना दी गई है। इस तर्ज पर हिमाचल सरकार को भी वोकेशनल प्रशिक्षकों के लिए स्थाई नीति बनानी चाहिए।

यूनेस्को द्वारा जारी किए गए स्टेट ऑफ़ द एजुकेशन रिपोर्ट फॉर इंडिया 2020: टेक्निकल एंड वोकेशनल एजुकेशन एंड ट्रेनिंग (TVET) का शीर्षक वोकेशनल एजुकेशन फर्स्ट रखा गया है, नेशनल एजुकेशन पॉलिसी (NEP) 2020 के तहत देश में वोकेशनल एजुकेशन का बहुत तेज़ी से विस्तार हो रहा हैं। जिससे लाखों छात्रों का भला भी हो रहा हैं।
विद्यार्थियों के लिए आगामी पढ़ाई के लिए M.VOC और वोकेशनल में पीएचडी भी जल्द शुरू की जानी चाहिए।
वोकेशनल स्टाफ को भी सरकारी पदोन्नति की तर्ज पर आगे बढ़ने का अवसर मिलना चाहिए।
उन्होंने कहा कि आने वाले बजट सत्र में उम्मीद ही नही बल्कि भरोसा है कि गठित कमेटी हमारे भविष्य के बारे में सोचकर स्थाई नीति बनाएगी।