शिमला में हुआ भारत बांग्लादेश के बीच 10वें दौर का मैत्री संवाद, दोनों देशों के संबंधों को और मजबूत करने के साथ आर्थिक व व्यावसायिक विषयों पर हुई चर्चा, सीमाओं पर आतंकी घटनाओं को रोकने व रोहिंग्या शरणार्थियों को लेकर भी संवाद

शिमला टाइम

भारत बांग्लादेश के संबंधों के 50 वर्ष पूरे होने के मौके पर 10वें दौर का मैत्री संवाद 17-20 फरवरी तक शिमला में चल रहा है जिसमें भारत और बांग्लादेश के संबंधों को और मधुर बनाने को लेकर कई चरणों मे मंथन हुआ।संवाद कार्यक्रम में दोनो देशो के वक्ताओं ने दोनों देशों में आर्थिक, पर्यटन,व्यावसायिक गतिविधियों को मजबूत करने और समस्याओं को लेकर अपने विचार साझा किए।

इस चार दिवसीय मैत्री संवाद में दोनों देशों के बीच सामाजिक, सांस्कृतिक आदान-प्रदान के साथ ही आर्थिक,पर्यटन, व्यावसायिक विकास के क्षेत्र में निर्यात व निवेश, सुरक्षा, शिक्षा, स्वास्थ्य क्षेत्र में गतिविधियों को बढ़ाने को लेकर रणनीति तैयार की गई। इस मौके पर राज्य सभा सदस्य सुरेश प्रभु ने बताया कि भारत और बांग्लादेश के बीच अच्छे संबंध है इन्हें और अधिक मजबूत बनाने के लिए चर्चा हुई है। भारत बांग्लादेश मैत्री के 50 साल पूरे होने के साथ ही शिमला समझौते को भी 50 वर्ष पूरे हुए है जिसके चलते ये कार्यक्रम शिमला मे आयोजित किया गया है। रोहिंग्या शरणार्थियों को लेकर भारत सरकार गंभीर है।

बांग्लादेश के विदेश मामले मन्त्री, मोहम्मद शहरीयार आलम ने बताया कि दोनो देशो के बीच मैत्री संबंधो को मजबूत बनाने के लिए मैत्री संवाद कार्यक्रम मे विभिन्न चरणो मे सकारात्मक संवाद हुआ है जिससे दोनो देशो के बीच परस्पर सहयोग , आवागमन व आर्थिक विकास व्यवसायिक स्तर पर रिश्ते और अधिक मजबूत होगे । वीजा को लेकर दोनो देशो ने सहयोगात्मक रवैया अपनाया है जिससे देशो मे आवागमन व निर्यात मजबूत हुआ है। रोहिंग्या शरणार्थी की समस्या पूरे क्षेत्र मे शान्ति बनाए के लिए खतरा है और बांग्लादेश भारत को इस समस्या का समाधान करने में पूरा सहयोग करेगा। उपमहाद्वीप मे शान्ति व आर्थिक उन्नति लाने के लिए पाकिस्तान को अपने रवैये मे बदलाव लाना होगा।

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