शिमला टाइम
ऐसी महिलाएं जो कभी घरेलू हिंसा का शिकार होती थी और जिन्हें अपने घर पर वो मान सम्मान कभी नहीं मिला, जिसकी वह हकदार थी। नतीजा अपने पति के साथ हमसफ़र बनकर रहने के भविष्य के सुंदर सपनों को टूटता देख अकेली रहने को विवश हो गई। बच्चों के साथ अपनी ज़िंदगी की आगे की लड़ाई अकेले लड़ने को मैदान में उतर गई। भले ही कई मुश्किलें आई पर आज छोटा ही सही एक मुक़ाम हासिल करने में सफल हो गई….।
यह कहानी किसी एक महिला की नहीं बल्कि अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के उपलक्ष्य पर आयोजित कार्यक्रम में मौजूद तमाम उन महिला की थी जिन्हें संस्था की सदस्य शशि सूद व वीना जोशी द्वारा सम्मानित किया गया। ऐसी संघर्ष भरी कहानी जो औरों के लिए भी ज़िंदगी मे आगे बढ़ने की प्रेरणा देती है। रविवार को अन्तराष्ट्रीय महिला दिवस के उपलक्ष्य पर Connecting lives संस्था द्वारा महिलाओं को सम्मानित किया गया। जिसमें विभिन्न क्षेत्रों से 55 महिलाओं को सम्मानित किया गया।

Connecting Lives संस्था की अध्यक्ष बिमला ठाकुर ने बताया कि महिला दिवस के मौके पर संस्था ने 55 महिलाओं को सम्मानित किया गया है और आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया गया है। इस कार्यक्रम में कोई मुख्य अतिथि नहीं बुलाया गया क्योंकि सभी महिलाएं अपने आप में में विशेष है। खासकर के महिला दिवस के मौके पर जब कोई कार्यक्रम हो तो मुख्य अतिथि बुलाना जरूरी नहीं समझा गया।

बिमला ठाकुर ने कहा कि प्रदेश सरकार की आशियाना योजना में सिंगल मदर्स को भी तवज्जो दिया जाए। तलाक नहीं हुआ है और जिनका कोर्ट में केस चला होता है, ऐसी महिलाओं के लिए सरकार सिर पर छत देने की व्यवस्था करें। उन्होंने कहा कि अगर सिर पर छत होगी रहने को सुरक्षित स्थान होगा तो अपने लिए कमाई का साधन तो जुटा ही लेंगे। सिंगल मदर के लिए आर्थिक से अधिक आशियाना की आवश्यकता रहती है। ऐसे में जब वह न तो ससुराल पति के घर सुख चैन से रह सकती और न ही आत्मसम्मान उनको पिता के घर में रहने की अनुमति देता है। इसलिए अकेली अपने बच्चों का पोषण कर रही महिलाओं के लिए सरकार सबसे पहले एक आशियाना तैयार करे।
संस्था लंबे समय से मांग भी कर रही है कि सरकार उन्हें जमीन उपलब्ध करवाएं। जबकि उस जमीन पर संस्था घर खुद बनाएंगी।

कार्यक्रम में संस्था की महासचिव शिखा धीरटा व लीगल एडवाइजर माधुरिका वर्मा, कोषाध्यक्ष राधा शर्मा, उपाध्यक्ष मंगला सूद, सचिव शशि सूद, वीना जोशी, सीमा मोहन मौजूद रहीं। संस्था 6 सालों से सिंगल मदर्स व उनके बच्चों की शिक्षा के लिए कार्य कर रही है।
