HPSPCB की पूरी प्रक्रिया हुई ऑनलाइन, 15 वर्षो की अधिकतम वैधता के साथ उपलब्ध होगी नवीनीकरण की सुविधा, 6000 औद्योगिक इकाईयां होंगी लाभान्वित

शिमला टाइम

हिमाचल प्रदेश राज्य प्रदूषण नियन्त्रण बोर्ड मौजूदा विनियमन प्रक्रिया का उद्यमियों को व्यापार करने में आसानी प्रदान करने के लिए सरलीकरण कर रहा है। यह केंद्र एवं राज्य सरकार के प्रयास तथा राज्य व्यापार योजना-2021 के तहत व्यापार करने में आसानी को प्रोत्साहित करने के लिए है। ऑनलाइन सहमति प्रबंधन और निगरानी प्रणाली के माध्यम से कुछ शर्तो के साथ जल अधिनियम 1974 और वायु अधिनियम 1981 के प्रावधानों के तहत ऑनलाइन स्वतः उत्पन्न नवीनीकरण की सुविधा सभी हरित श्रेणी की इकाईयों के लिए उपलब्ध होगी। यह ऑनलाइन स्वतः उत्पन्न नवीनीकरण की सुविधा सभी हरित श्रेणी की इकाईयों के लिये 15 वर्षो की अधिकतम वैधता के साथ उपलब्ध होगी। इस योजना से राज्य की लगभग 6000 औद्योगिक इकाईयां लाभान्वित होगी । आवश्यक दस्तावेजों के साथ सफलतापूर्वक आवेदन करने पर प्रणाली द्वारा उत्पन्न नवीनीकरण प्रमाणप्रत्र स्वतः प्राप्त हो जायेगा ।

स्वतः उत्पन्न नवीनीकरण प्रमाण प्रत्र क्यू आर कोड आधारित होगा जिसमे राज्य बोर्ड के किसी अधिकारी का कोई हस्तक्षेप नहीं होगा । स्वतः उत्पन्न नवीनीकरण के सम्बन्ध में पूर्ण प्रक्रिया व जानकारी राज्य बोर्ड की वेबसाइट hppcb.nic.in पर देखी जा सकती है। जो इकाइयां इस प्रणाली की सेवा का लाभ उठाने के इच्छुक है उन्हे 30 अप्रैल से पहले आवेदन करना होगा क्योंकि 30 अप्रैल स्वतः उत्पन्न नवीनीकरण के लिये अंतिम तिथि है। इस तिथि के बाद इस साल के लिये स्वतः उत्पन्न नवीनीकरण प्रकिया के तहत आवेदन स्वीकार नहीं किये जायेगें और इकाइयो को ऑनलाइन सहमति प्रबंधन और निगरानी प्रणाली के माध्यम से सामान्य प्रक्रिया के तहत आवेदन करना होगा । स्वतः उत्पन्न नवीनीकरण प्रक्रिया की आसानी के बावजूद, राज्य प्रदूषण नियन्त्रण बोर्ड निगरानी प्रक्रिया को जारी रखेगा और पर्यावरण के संरक्षण के लिए औद्योगिक इकाईयों की प्रक्रियाओं, उत्सर्जन और निर्वहन पर निगरानी रखेगा ।

राज्य बोर्ड प्रदूषण के नियन्त्रण के लिये तथा पर्यावरण की बेहतरी के लिये परिभाषित और आवश्यक नीतियों/प्रक्रियाओं के अनुसार संबंधित इकाइयों की निगरानी/निरीक्षण, नमूने लेना पहले की तरह जारी रखेगा ।

पर्यावरण गवर्नेंस और सतत विकास के लिए सूचना प्रौद्योगिकी उपकरणों का उपयोग करने के लिए बोर्ड का निरंतर प्रयास है, राज्य बोर्ड ने फाइल कार्य को ई-ऑफिस में स्थानांतरित करके और ऑनलाइन सहमति प्रबंधन के लिए आवेदन प्रक्रिया सहमति और प्राधिकरण निगरानी प्रणाली को पूरी तरह से ई-गवर्नेंस की ओर स्थानांतरित कर दिया है। यह त्वरित विश्लेषण और सूचना की पुन प्राप्ति में मदद करने के लिए पर्यावरण डेटा बैंक (ईडीबी) को मजबूत करने में मदद करता है।

इस पोर्टल की मदद से उद्योगों, होटलों, अस्पतालों, प्रयोगशालाओं, उपचार संयंत्रों आदि द्वारा विभिन्न कानूनों और नियमों के तहत आवश्यक प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की सहमति और प्राधिकरण के लिए ऑनलाइन आवेदन किया जा सकता है। राज्य बोर्ड की पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन हो गई है। चालू वर्ष में, जैव चिकित्सा अपशिष्ट प्रबंधन नियमों के तहत अस्पतालों और प्राधिकरणों के लिए सहमति आवेदन प्रक्रिया ऑनलाइन भी शुरू की गई है। पारदर्शिता को बढ़ावा देने के लिए, बोर्ड द्वारा दी गई अनुमति और सभी नियामक कार्रवाई तुरंत बोर्ड की वेबसाइट पर अपलोड कर दी जाती है।
बोर्ड की प्रयोगशालाओं को राष्ट्रीय परीक्षण और अंश शोधन प्रयोगशाला प्रत्यायन बोर्ड (एन ए बी एल) की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए पानी, हवा, खतरनाक और ठोस अपशिष्ट के नमूनों के लिए एक लैब मॉड्यूल विकसित किया गया है। यह मॉड्यूल प्रयोगशालाओं के कामकाज को आसान बनाने के साथ-साथ इनके कामकाज में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करता है। यह मॉड्यूल उद्योगों को उनकी ऑनलाइन सैंपलिंग रिपोर्ट के लिए भी सुविधा प्रदान करता है और बोर्ड को इसकी ट्रैकिंग, विनियमन और संरक्षण गतिविधियों में मदद करता है। राज्य बोर्ड ने जैव चिकित्सा अपशिष्ट प्रबंधन के नए ऑनलाइन मॉड्यूल पर चिकित्सा अधिकारियों, पैरामेडिकल स्टाफ और स्वास्थ्य देखभाल सुविधाओं के प्रबंधन के लिए वर्चुअल और फिजिकल वर्कशॉप आयोजित की हैं।

हिमाचल प्रदेश की आम जनता को पर्यावरण से संबंधित शिकायतों के संबंध में सुविधा प्रदान करने के लिए, हिमाचल प्रदेश राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने टोल फ्री नंबर-08045841000 के माध्यम से 24*7 शिकायत हेल्पलाइन स्थापित की है। इसके अलावा समीर, एचपीएसपीसीबी, सीएम सेवा संकल्प (1100 हेल्पलाइन), साथ ही ईमेल के माध्यम से प्राप्त शिकायतों को हल किया जाता है। जनता को तेजी से नियमन और सेवा प्रदान करने के लिए बोर्ड निरंतर प्रयासरत है ।

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