शिमला टाइम
वीरेंद्र चौहान बड़े नेता है जिनका काम प्रदेश के कर्मचारियों को भड़काना था। अब कर्मचारी इनकी असलियत जान चुके हैं। वह किसी के खिलाफ भी बोल सकते है। मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने जोया मामा शब्द का विरोध नहीं किया। शिक्षक महासंघ के प्रान्त महामंत्री डॉ मामराज पुंडीर ने कहा कि वह सिरमौर से हैं और इन शब्दों को समझते हैं। जिन लोगों पर एफआईआर हुई या तबादले हुए, उनका जोया मामा शब्द से कोई सम्बन्ध नहीं। वीरेंद्र चौहान सदमे में है। इनको इनके संगठन ने निकाल दिया है। प्रदेश के कर्मचारी अपने जोइया मामा का उदार दिल देख चुके हैं। जब से जय राम ठाकुर यानी जोइया मामा मुख्यमंत्री बने है, इन्होंने प्रदेश के बहनों, माताओं, बेटियों के लिए दिल खोल कर लाभ दिए हैं।
पूर्व सरकार की गोदी में बैठने वाले कुछ लोग आज जय राम ठाकुर को बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं। तब यह सरकार से कोई मांग नहीं मनवा पाए। सिर्फ उनके घुटनो में बैठ कर महाराज महाराज कहते थे। हिमाचल प्रदेश भाग्यशाली प्रदेश है जिनको जय राम ठाकुर जैसे मुख्यमंत्री मिले हैं। जिन्होंने प्रदेश के 68 लाख जनता की सेवा एक मामा जी बन कर की है और प्रदेश के कर्मचारियों को मान सम्मान दिया है। वरना पूर्व सरकार इनको मक़डझण्डू कह कर पुकारते थे। इसलिए जोइया मामा कहने वाले लोगों पर एफआईआर हुई और तबादला हुआ, यह कहना सरासर गलत है। एफआईआर कानून को तोड़ने की वजह से हुई, जिसमें प्रदेश की राजधानी की लाइफ लाइन को बंद कर दिया था।
