उपमुख्यमंत्री दिल्ली मनीष सिसोदिया का हिमाचल में शिक्षा पर चर्चा को लेकर ट्वीट, शिक्षा मंत्री गोबिंद ठाकुर को दी खुली बहस की चुनौती

शिमला टाइम, नई दिल्ली

आम आदमी पार्टी के नेता व दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया द्वारा जयराम सरकार की शिक्षा व्यवस्था की पोल खोलने के बाद हिमाचल प्रदेश के शिक्षा मंत्री पूरी तरह से बौखला गए हैं। शिक्षा मंत्री गोविंद ठाकुर की शिक्षा व्यवस्था की सच्चाई सामने आ गई है। हिमाचल प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था की सच्चाई सामने आने के बाद गोविंद ठाकुर अनाप-शनाप बयान जारी कर सच्चाई पर पर्दा डालने की कोशिश कर रहे हैं।

शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर के बयान को लेकर डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने ट्वीट कर उन्हें शिक्षा पर खुली बहस की चुनौती दी है। मनीष सिसोदिया ने ट्वीट करते हुए लिखा है कि देखकर खुशी हुई कि हिमाचल में शिक्षा पर चर्चा तो शुरू हुई। आप मुझे हिमाचल के बीजेपी सरकार के स्कूल दिखाएं, मैं आपको दिल्ली में अपनी सरकार के स्कूल दिखाता हूं, फिर हम खुले मंच पर खुली बहस करेंगे, जनता खुद तय करेगी कि किस राज्य में शिक्षा बेहतर काम हुआ है।

बता दें कि शिमला में मनीष सिसोदिया के शिक्षा संवाद कार्यक्रम को हिमाचल के शिक्षा मंत्री गोविंद ठाकुर ने प्रायोजित कार्यक्रम बताया था। आम आदमी पार्टी ने गोविंद ठाकुर के इस बयान की कड़ी निंदा की है।

शिक्षा संवाद कार्यक्रम में हिमाचल प्रदेश के शिक्षा व्यवस्था की सच्चाई सामने आई

बीजेपी सरकार के कार्यकाल में हिमाचल प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था एकदम ठप्प हो चुकी है। बीजेपी सरकार ने हिमाचल में शिक्षा पर कोई काम नहीं किया है। प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था की दयनीय हालत को लेकर सिर्फ आम आदमी पार्टी ही नहीं, बल्कि आम जनता भी  जगह-जगह सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन कर रही है, जिनमें सिर्फ अभिभावक ही नहीं बच्चे ही शामिल हैं। हिमाचल के लोग अच्छे से समझ गए हैं कि साढे 4 साल में भाजपा की सरकार ने शिक्षा के क्षेत्र में कोई काम नहीं किया है।

मनीष सिसोदिया के शिक्षा संवाद कार्यक्रम के बाद बौखलाए हिमाचल के शिक्षा मंत्री गोविंद ठाकुर:मनीष ठाकुर

आप प्रवक्ता मनीष ठाकुर ने कहा कि शिक्षा मंत्री गोविंद ठाकुर कह रहे हैं कि दिल्ली में स्कूल कम हैं, जनसंख्या भी कम हैं। लेकिन हम उन्हें बताना चाहते हैं कि दिल्ली की जनसंख्या ढाई करोड़ के पार है और दिल्ली के स्कूल पिछले 7 सालों में देश के लिए मॉडल बनकर उभरे हैं। आज दिल्ली के स्कूलों की चर्चा सिर्फ देश में ही नहीं, विदेशों में भी हो रही है। जहां एक ही सत्र में 4 लाख छात्रों ने निजी स्कूलों को छोड़कर सरकारी स्कूलों में एडमिशन लिया है। दूसरी ओर हिमाचल के 2 लाख छात्र सरकारी स्कूलों को छोड़कर निजी स्कूलों में गए हैं। प्रदेश की भाजपा सरकार ने सरकारी स्कूलों की हालत ऐसी कर दी है, जहां 2 हजार से ज्यादा स्कूल एक-एक शिक्षक के सहारे चल रहे हैं, 47 फीसदी स्कूलों में प्रिंसिपल ही नहीं हैं, स्कूलों में न शौचालय हैं, न ही खेल मैदान हैं। सरकार सिर्फ और सिर्फ निजी स्कूलों का प्रचार कर सरकारी स्कूलों को बर्बाद करने पर तुली हुई है। इससे आम जनता और स्कूल में पढ़ने वाला गरीब का बच्चा शिक्षा से वंचित हो रहा है। हिमाचल में बदहाल हो चुकी शिक्षा प्रणाली के लिए भाजपा सरकार पूरी तरह से जिम्मेदार है। जिस पर खुलकर चर्चा के लिए आम आदमी पार्टी कभी भी कहीं भी पूरी तरह से तैयार है।

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