शिमला में गरजे भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर ‘रावण’, गिरिपार को जनजातीय क्षेत्र का दर्जा देने का किया विरोध, सिरमौर से शिमला तक यात्रा निकालने का किया ऐलान

शिमला टाइम

दलितों पर हो रहे अत्याचार और गिरिपार को जनजातीय क्षेत्र का दर्जा देने के खिलाफ भीम आर्मी भारत द्वारा राजधानी शिमला के चौड़ा मैदान में विरोध रैली की गई। भीम आर्मी भारत के चीफ चन्द्रशेखर ने जम कर प्रदेश की जयराम सरकार पर निशाना साधा। रैली में प्रदेश भर से भीम आर्मी के कार्यकर्ता शामिल हुए और दलितों पर हो रहे अत्याचारों ओर गिरिपार को जनजातियां क्षेत्र का दर्जा देने के खिलाफ उग्र आंदोलन सिरमौर से शुरू करने का एलान किया। 

चन्द्रशेखर ने हिमाचल के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को खुली चुनौती देते हुए कहा कि प्रदेश में अनुसूचित जाति के हकों से खिलवाड़ किया गया तो उसका अंजाम सरकार भुगतने के लिए तैयार रहे। उन्होंने कहा कि प्रदेश में दलितों पर लगातार अत्याचार बढ़ रहे हैं।  ठियोग सहित कई क्षेत्रों में दलितों पर अत्याचार हुए और उनको अभी तक न्याय नहीं मिल रहा है। इसके अलावा सरकार की गिरिपार को जनजातीय क्षेत्र का दर्जा देने जा रही है। जबकि सिरमौर में 40 फीसदी आबादी अनुसूचित जाति के लोग की हैं और उनसे इसको लेकर कोई भी बात नहीं की जा रही है। जबकि सबसे ज्यादा छुआछूत के मामले सिरमौर जिला से ही सामने आते हैं और जो आवाज उठाता है उन्हें मार दिया जाता है।

प्रदेश सरकार कुछ लोगों को खुश करने के लिए षड्यंत्र के तहत झूठे आंकड़े पेश कर जनजातीय क्षेत्र का दर्जा दे कर एक बड़े वर्ग को आरक्षण से वंचित करने की साजिश रची जा रही है। एट्रोसिटी एक्ट जनजातीय क्षेत्र में लागू नहीं होगा जिसके चलते कमजोर वर्ग पर अत्याचार करने की छूट मिलेगी । जिसे किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि  गिरिपार को  जनजाति क्षेत्र का दर्जा देने के लिए पहले मांग खारिज की जा चुकी थी इस क्षेत्र में सबसे ज्यादा अनुसूचित जाति के लोगों पर अत्याचार हो रहे हैं वही जब भीम आर्मी के लोग मुख्यमंत्री से मिलने का समय मांगते तो मुख्यमंत्री के पास उनसे मिलने का समय तक नहीं है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में भीम आर्मी सिरमौर जिला से ही एक बड़ा आंदोलन शुरू करने जा रही है।

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