शिमला टाइम
कृषि उपज मंडी समिति के अध्यक्ष व भाजपा जिला अध्यक्ष दलीप ठाकुर ने कहा कि 30 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाली अनाज मंडी का शिलान्यास करके मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने किसान व बागवान हितैषी होने का परिचय दिया है। लंबे समय से चली आ रही इस मांग को जयराम सरकार ने ही आखिरकार सिरे चढ़ाया।
मंडियों में अनाज बेचने वाले किसानों को उपज की अच्छी कीमत मिलती है, जबकि बिचौलियों या निजी व्यापारियों को बेचने पर निर्धारित मूल्य से कम दाम मिलता है। एनएसएसओ के सर्वे के अनुसार, मंडियों में अनाज बिक्री करने वाले किसान बिक्री की गुणवत्ता को लेकर ज्यादा संतुष्ट होते हैं क्योंकि उन्हें फसल की कम कीमत मिलने की संभावना बेहद कम होती है। जहां मंडी में किसानों को उचित मूल्य मिल जाता है दूसरी ओर, जो किसान अपनी उपज बिचौलियों या निजी व्यापारियों को बेचते हैं, उन्हें बाजार मूल्य से कम दाम मिलने की संभावना ज्यादा रहती है. यानी निजी व्यापारियों या आढ़तियों को बेचने पर किसानों को नुकसान होता है।
केंद्र व प्रदेश सरकार का एक अहम वादा यह भी है कि प्राइवेट प्लेयर्स को अनाज खरीद की अनुमति देने के साथ मंडी के बाहर भी न्यूनतम समर्थन मूल्य पर ही अनाज की खरीद होगी।
मंडी व्यवस्था से प्रदेश के साथ साथ पूरे देश का जुड़ाव होगा और बाद में अंतर्राष्ट्रीय जुड़ाव भी हो जाएगा। प्रदेश का किसान अपनी फसल को उन इलाकों में अच्छे दामों पर बेच सकेगा, जिन इलाकों में वह फसल नहीं होती। उदाहरण के तौर पर बल्ह व आसपास का क्षेत्र खाद्यान्न उत्पादन के लिए विख्यात है। राष्ट्रीय कृषि के तहत मंडी स्थापित होने से बाजार से जुडऩे के बाद यहां के किसानों को देश के अन्य हिस्सों से उनके फसल के बेहतर दाम मिलेंगे। जिला मंडी व साथ लगते जिला के किसानों को उनकी उपज का विपणन करने में भी मदद मिलेगी
दलीप ठाकुर ने कहा कि प्रदेश के किसानों के हितों के लिए राज्य सरकार द्वारा अनेक कदम उठाए गए है। मंडी में बनने वाली आधुनिक अनाज मंडी का लाभ केवल किसानों को ही नहीं व्यापारियों व आम उपभोक्ताओं को भी मिलेगा। इससे किसानों को जहां उनकी उपज के उचित दाम मिलने की संभावना बढ़ेगी। वहीं दूसरी ओर एक राज्य के उत्पाद को दूसरे राज्य तक ले जाने में मध्यस्तों की भूमिका कम होगी। इससे जहां कालाबाजारी भी कम होगी तथा उपभोक्ताओं को भी मंहगाई से राहत मिलेगी।
