
शिमला टाइम
आंगनबाड़ी वर्करज़ एवं हैल्परज़ यूनियन सम्बन्धित सीटू ने हिमाचल प्रदेश में प्री प्राइमरी टीचर भर्ती से आंगनबाड़ी कर्मियों को बाहर करने के प्रदेश सरकार के कैबिनेट निर्णय का कड़ा विरोध किया है। यूनियन ने इसके खिलाफ आंदोलन तेज करने का निर्णय लिया है। यूनियन ने आंदोलन की रणनीति बनाने के लिए अपनी राज्य कमेटी की आपात बैठक 25 सितम्बर को बुलाई है।
यूनियन की प्रदेश अध्यक्षा नीलम जसवाल व महासचिव वीना शर्मा ने प्री प्राइमरी नियुक्तियों से आंगनबाड़ी कर्मियों को बाहर करने के प्रदेश सरकार के निर्णय के खिलाफ जोरदार हमला बोला है व प्रदेश सरकार को आंगनबाड़ी व आईसीडीएस विरोधी करार दिया है। उन्होंने कहा है कि यूनियन इसके खिलाफ उग्र आंदोलन करेगी व सरकार के आंगनबाड़ी विरोधी चेहरे को जनता में बेनकाब करेगी। उन्होंने मांग की है कि सरकार अपने फैसले को वापिस ले व आंगनबाड़ी कर्मियों को प्री प्राइमरी में सौ प्रतिशत नियुक्ति दे। उन्होंने कहा कि प्री प्राइमरी कक्षाओं को पढ़ाने का जिम्मा केवल आंगनबाड़ी कर्मियों को दिया जाए क्योंकि ये प्रशिक्षित कर्मी हैं। ये कर्मी पहले ही अर्ली चाइल्डहुड केअर एंड एजुकेशन(ईसीसीई) के तहत 6 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को शिक्षा दे रहे हैं इसलिये नई शिक्षा नीति के तहत इन्हीं प्रशिक्षित कर्मियों को प्री प्राइमरी में नियुक्ति दी जाए। उन्होंने हैरानी व्यक्त की है कि पिछले दो वर्षों से प्रदेश सरकार आंगनबाड़ी कर्मियों को प्री प्राइमरी में नियुक्ति की बात करती रही है व अब अपनी ही राय से यू टर्न ले रही है। उन्होंने कहा कि बजट सत्र के दौरान प्रदेश सरकार ने प्री प्राइमरी में आंगनबाड़ी कर्मियों को 30 प्रतिशत कोटा देने की बात की थी जिस से अब सरकार मुकर रही है। उन्होंने सरकार के इस कदम को आंगनबाड़ी कर्मी विरोधी करार दिया है। उन्होंने प्रदेश सरकार को चेताया है कि अगर उसने आंगनबाड़ी कर्मियों को प्री प्राइमरी में नियुक्ति न दी तो आंदोलन तेज होगा।










