गोआ, केरल व राजस्थान की तर्ज पर हिमाचल के होटल कारोबारियों को सरकार दे राहत, नहीं तो करेंगे तालाबंदी

शिमला टाइम

कांग्रेस विधायक विक्रमादित्य सिंह ने देशव्यापी लॉक डाउन के चलते प्रदेश के प्रमुख व्यबसाय होटल उद्योग पर पड़े विपरीत प्रभाव पर चिन्ता जताते हुए इसके उत्थान के लिए कोई प्रभावी कदम उठाने की सरकार से मांग की है।उन्होंने कहा है कि पिछले तीन महीनों से यह उद्योग पूरी तरह बंद है और इस पूरे साल इसके चलने की कोई उम्मीद उन्हें नही लगती।होटल एसोसिएशन के एक प्रतिनिधिमंडल का प्रतिनिधित्व करते हुए  मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से  भेंट कर विक्रमादित्य सिंह ने उनसे इनके सुझावों पर सहानभूति पूर्वक विचार करने का आग्रह किया।उन्होंने कहा कि देश प्रदेश में तालाबंदी के चलते यह होटलियर अपने बिजली,पानी,टैक्स के अतिरिक्त अपने कर्मचारियों को वेतन देने में भी असमर्थ है।उन्होंने कहा कि इन व्यवसायियों को तुंरत गोआ,केरल व राजस्थान की तरह राहत दी जानी चाहिए।

उन्होंने कहा कि अगर उन्हें कोई राहत तुरन्त नही दी जातो तो उन्हें मजबूरन अपने होटलों में भी तालाबंदी करनी पड़ सकती है।प्रतिनिधिमंडल ने अपनी मांगों में तालाबंदी के दौरान के बेक ऋणों में ब्याज दर को माफ़ करना,इस अवधि के बिजली,पानी व अन्य सभी करो,टेक्स को निरस्त करना,सभी कर्मचारियों को सरकारी कोष से इस अबधि का बेतन देने,आगमी 2 सालो तक जीएसटी में छूट देना आदि है।ज्ञापन में इन लोगों ने सरकार से प्रदेश में ऐसी टूरिज़म पालिसी बनाने की मांग की जिसमें इसे व्यापक स्तर पर बढाओ मिल सके।इसके तहत इसको विशेष बजट,सुरक्षित यात्रा के साथ साथ  हेलिपैड के निर्माण करने को कहा गया ,जिससे प्रदेश में पर्यटकों की आवाजाही तेज हो सके।विक्रमादित्य सिंह ने इस दौरान उम्मीद जताई कि आज होने वाली मंत्रिमंडल की बैठक में इसपर कोई सार्थक निर्णय लिया जाएगा।उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने उन्हें आश्वासन दिया कि वह प्रदेश में होटल ब्यवसाय को पुनर्जीवित करने के लिए हर सम्भव कोशिश करेंगे।प्रतिनिधिमंडल में विक्रमादित्य सिंह के साथ संजय सूद,अनिल वालिया,प्रिंस कुकरेजा प्रमुख तौर पर थे।

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