मातृवंदना पत्रिका और वार्षिक कैलेण्डर का हुआ विमोचन के विमोचन
शिमला टाइम
कोरोना महामारी के दौर में प्रिंट मीडिया में भारी बदलाव आया है। समाचार पत्र और पत्रिकाओं को पाठकों तक पहंुचाना एक चुनौती बन गया है। इस चुनौती को स्वीकार करके इस परिदृश्य को पूरी तरह से बदलने के प्रखर प्रयास किये जायेंगे। यह विचार मातृवंदना मासिक पत्रिका के विमोचन अवसर पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रांत प्रचार प्रमुख महीधर प्रसाद ने व्यक्त किये। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने हर वर्ष की भांति इस बार भी प्रदेश की सबसे बड़ी जागरण पत्रिका के वार्षिक विशेषांक एवं वार्षिक कैलेण्डर विमोचन का संक्षिप्त कार्यक्रम शिमला के नाभा में आयोजित किया। कोविड-19 के कहर के बीच यह कार्यक्रम लगभग 2 महीने देरी से हुआ और इस कार्यक्रम में स्वास्थ्य विभाग के सभी निर्देशों का पूरी तरह से पालन किया गया। इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में आईजीएमसी में माईक्रोबायोलाॅजी विभाग अध्यक्ष डाॅ0 सान्त्वना वर्मा व मुख्य वक्ता प्रांत प्रचार प्रमुख महीधर प्रसाद रहे। कार्यक्रम की अध्यक्षता विश्व हिन्दु परिषद् प्रांत अध्यक्ष डाॅ0 लेखराज राणा ने की। मुख्य वक्ता महीधर प्रसाद ने अपने उद्बोधन में कोरोना काल में प्रिंट मीडिया की भूमिका के बारे में विस्तार से चर्चा की। उन्होने कहा कि प्रिंट का विकल्प आज इंटरनेट में सूचना प्राप्त करने के हजारों विकल्प उपलब्ध हैं, लेकिन एक साथ जब हजारों तरह की सूचनायें पाठकों तक पहुंचती है तो वह तेजी से स्मृति पटल से गायब भी हो जाती है। जबकि मुद्रित सामग्री बहुत ही प्रभावी माध्यम है जिसका असर व्यापक रूप से लोगों पर पड़ता है। इसके साथ ही इंटरनेट पर मौजूद सूचनाओं की विश्वसनीयता पर भी संदेह बना हुआ है। इसलिए मुद्रित सामग्री की ताकत पहले की तरह ही प्रभावी है। कार्यक्रम की मुख्य अतिथि डाॅ0 सान्त्वना वर्मा का कहना था कि टेस्टिंग कोरोना से निपटने का निदान नहीं है बल्कि इसके लिए स्वास्थ्य विभाग के सभी निर्देशों का पालन करते हुए सतर्कता बरतने की आवश्यकता है। मातृवंदना के सहसंपादक वासुदेश शर्मा ने कोरोना के समय में पत्रिका के संपादन के दौरान आने वाली समस्याओं पर चर्चा की। जबकि मातृवंदना संस्थान के अध्यक्ष अजय सूद ने उपस्थित अतिथियों का धन्यवाद किया। इस अवसर पर मातृवंदना संस्थान के वितरण प्रमुख जयसिंह ठाकुर, संपादक मण्डल के दलेल सिंह ठाकुर, नीतू वर्मा, आईजीएमसी के चिकित्सा अधीक्षक डाॅ0 जनकराज सहित अनेक गणमान्य लोग उपस्थित रहे।

देवसंस्कृति में समरसता का प्रवाह था इस वर्ष का थीम
मातृवंदना पत्रिका के इस वर्ष का विषय देवसंस्कृति में समरसता का प्रवाह रखा गया था। पत्रिका में देवताओं के साथ समरस समाज के वैशिष्ठय का वर्णन किया गया है। जैसे देवताओं के वाद्ययंत्रों को बजाने वाले बजंरतियों के बिना देवकार्य नहीं होते इस प्रकार के समाज को जोड़ने वाले लेख संकलित किये गये हैं। मातृवंदना पत्रिका वर्तमान में 9 हजार गांवों तक पहंुच रही है और 25 साल पहले यह पत्रिका प्रारम्भ हुई थी।
कोरोना योद्वा को किया गया सम्मानित
इस अवसर मातृवंदना संस्थान की ओर कोरोना वाॅरियर शीतल को भी सम्मानित किया गया। शीतल प्रतिदिन आईजीएमसी के गेट पर डयूटी देती है और अपने परिवार से दूर किराये का कमरा लेकर बहादुरी से कार्य कर रही है।