शिमला टाइम
शिमला ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले धमून गांव के लोग इन दिनों एक ठेकेदार की मनमानी से परेशान है। पुलिस में मामला दर्ज होने के बाद भी जिसे न सरकार और न ही कानून का डर है। सोलन जिला के गांव सेरी (भैंच-कुफ्टु) का रहने वाला ठेकेदार जो ग्रामीणों की ज़मीन पर अवैध खनन कर मनमानी तो कर ही रहा है। साथ ही एक मंत्री का नाम लेकर किसी का डर न होने की धौंस भी जमा रहा है। ठेकेदार के हौंसले इतने बुलन्द है कि पुलिस में मामला दर्ज होने के बाद भी खनन जारी है। जिससे ग्रामीणों की घासनी तो तबाह हुई ही है, रोजमर्रा के रास्ते में भी बाधाएं डाली जा रही है।
धमून के ग्रामीणों का कहना है कि मामले को पुलिस विभाग के ध्यान मे लाया गया, जतोग चौकी से मौके पर पुलिस कर्मी आये। जिन्होंने ग्रामीण वासियों से उनके भूमि-मालिकाना के दस्तावेज मांगे जो तुरंत दे दिए गए लेकिन ठेकेदार से कोई भी किसी प्रकार के दस्तावेज, जो उसे कथित अतिक्रमण करने हेतु अधिकारित करता हो आज तक भी नहीं दे पाया । पुनः भी जब जतोग चौकी से पुलिस कर्मी को भेजा गया तो ठेकेदार ने किसी की न सुनी । इसके बाद
उपरोक्त मामले को एस.पी. शिमला के ध्यान में लाया गया व जिसके बाद जतोग पुलिस चौकी से एस.आई. को मौके पर भेजा गया जहां JCB का ओपरेटर न तो कोई मशीन सम्बंधित दस्तावेज दिखा पाया और न ही अपना लाईसेंस । ठेकेदार को फोन पर बुलाया पर नहीं आया। ग्रामीण वासियों से फिर भूमि-मालिकाना के दस्तावेज मांगे गए, दिए गए लेकिन ठेकेदार से कुछ भी प्राप्त न हुआ जो यह बता सके कि उसने यह अतिक्रमण कर नुकसान कैसे किया।

बहरहाल FIR रजिस्टर हुई पर पुलिस की हिदायत के बावजूद इस अतिक्रमणकारी ठेकेदार ने यह कह कर खचद न रोकी की पुलिस को उसने बता दिया कि वह खुदाई और पहाड़ी के खनन का काम बंद नहीं करेगा ।
ग्रामीणों का आरोप है कि ठेकेदार उनकी भूमि पर, पहाड़ी खोद कर पत्थर, कंक्रीट व अन्य रॉ-मैटिरियल निकालने हेतु लगातार खनन कर रहा और रुका नहीं, पुलिस को पुनः बताया भी। यह ठेकेदार लोगों में एक मंत्री का नाम लेकर धौंस जमाता नहीं थक रहा।
ग्रामीणों का कहना है कि उनका किसी परियोजना से कोई विरोध नहीं है। मगर उनकी भूमि पर जो काम नियमों को ताक पर रखते हुए किया जा रहा है, उसको लेकर ग्रामीणों में रोष है।
आरोप है कि ठेकेदार ने ग्रामीणों की भूमि को खोद कर व चट्टानों , पत्थरों को तोड़ कर खड्ड में, उसके अनुसार किसी IPH के ठेके के अंतर्गत, डैम निर्माण करने के लिए अवैध रुप से इस्तेमाल करना प्रारंभ कर विभाग व सरकार को भी धोखा देने का काम किया क्योंकि ग्रामीण लोगों की निजी भूमि से खनन कर प्राप्त किया है।

ग्रामीणों ने सवाल उठाए हैं कि क्या यह हमारी भूमि का अतिक्रमण व खनन कर उससे प्राप्त सब-स्टैंडर्ड मैटिरियल, विभाग द्वारा स्पैसिफाईड मैटिरियल की जगह प्रयोग कर, टैंडर की टर्म्स एण्ड कण्डीशन्स को धता बता सकता है और सरकार तथा विभाग को खासा चूना लगा सकता है, एक अन्य महत्वपूर्ण पहलू यह भी है ।
बता दें कि ‘खनन विभाग’, शिमला ने भी इस स्थान का निरीक्षण किया और मौके पर पाया कि अवैध खनन का काम ग्रामीण लोगों की निजी भूमि से अवैध रुप से जारी है तथा ठेकेदार इस बारे इतना कहता है कि वह ऐसा करने के लिए अधिकृत है व कार्यालय में दस्तावेज दिखाएगा जो अपने आप मे एक विचित्र स्थिति है कि कैसे वह किसी की निजी भूमि पर खनन व अतिक्रमण करने के लिए अधिकृत हो सकता है।