दिव्यांगजनों के घर में औचक निरीक्षण करेंगे तहसील कल्याण अधिकारी, औचक रिपोर्ट उपायुक्त को करनी होगी प्रेषित

शिमला टाइम

राष्ट्रीय न्यास अधिनियम 1999 के तहत स्थानीय स्तरीय समिति की बैठक आज यहां उपायुक्त अनुपम कश्यप की अध्यक्षता में आयोजित की गई।
इस बैठक में राष्ट्रीय न्यास अधिनियम 1999 के तहत चार प्रकार की बीमारियां जिनमें मानसिक मंदता, स्वलीनता प्रमस्तिष्क और विविधि विकलांगता से ग्रस्ति दिव्यांगजन शामिल हैं, के लिए कानूनी संरक्षण को लेकर विस्तृत चर्चा की गई। बैठक में 03 दिव्यांगजनों को कानूनी संरक्षक देने की अनुमति उपायुक्त ने प्रदान की। इसके साथ ही 04 अन्य मामलों में कानूनी संरक्षक का निधन होने की स्थिति में नए कानूनी संरक्षक की नियुक्ति को लेकर भी स्वीकृति दी गई।
उपायुक्त ने कहा कि जिन मामलों में दिव्यांगजनों के कानूनी संरक्षक का आकस्मिक निधन हो जाता है, उनमें तहसील कल्याण अधिकारी तुरंत कम से कम समय में कानूनी संरक्षक नियुक्ति की प्रक्रिया को पूर्ण करें ताकि दिव्यांगजनों को किसी भी प्रकार की असुविधा का सामना न करना पड़े।
उपायुक्त ने सभी तहसील कल्याण अधिकारियों को निर्देश दिए कि आगामी जिला स्तरीय बैठक से पूर्व सभी अधिकारी कानूनी संरक्षक प्राप्त दिव्यांगजनों के घरों में जाकर औचक निरीक्षण करेंगे। इसके साथ ही उनकी देखभाल को लेकर अपनी रिपोर्ट उपायुक्त कार्यालय को प्रेषित करेंगे। उन्होंने कहा कि हमारी प्राथमिकता है कि सरकार की ओर से मिलने वाली हर सुविधा का लाभ प्रत्येक दिव्यांगजन को मिले। इसके साथ ही उन्हें जिन प्रकार की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है, उनके निराकरण के लिए भी प्रशासन कार्य करेगा।
जिला शिमला में कुल 127 ऐसे मामले है जिनमें कानूनी संरक्षक प्रदान किए गए है। इनमें शिमला ग्रामीण में 11, शिमला शहरी में 38, जुब्बल में 05, कुमारसैन में 10, कोटखाई में 08, रोहड़ू में 06, चौपाल में 11, रामपुर में 04, ठियोग में 16, सुन्नी में 09, चिढ़गांव में 05 और ननखड़ी में 04 दिव्यांगजन शामिल हैं।
बैठक में जिला कल्याण अधिकारी कपिल शर्मा सहित अन्य अधिकारी व कर्मचारी भी मौजूद रहे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *