बिलासपुर में मनाया गया संविधान दिवस, “अनुसूचित जाति व जनजाति ” विकास निधि कानून बनाने की राज्य सरकार से की मांग

शिमला टाइम, बिलासपुर
26 नवंबर 2025 संविधान दिवस के सुअवसर पर हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर ज़िला के किसान भवन में अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति विकास निधि विषयक कानून बनाने के बहुचर्चित मुद्दे को ध्यान में रखते हुए विभिन्न राजनीतिक दलों के संग एक प्रदेश स्तरीय परामर्श का आयोजन किया गया। “भारतीय संविधान के नीति निर्देशक सिद्धांतानुसार अनुच्छेद 46″ में छठी पंचवर्षीय योजनान्तर्गत ” शुरू की गई उक्त योजना की वर्तमान स्थिति पर चर्चा हुई तथा हिमाचल प्रदेश में तेलंगाना जैसा अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति विकास निधि कानून बनाने हेतु सभी राजनीतिक दलों से समर्थन का अनुरोध किया गया।
स्टेट कोलेजन फॉर लेजिस्लेशन ऑफ शेड्यूल्ड कास्ट्स, शेड्यूल्ड ट्राइब्स सब प्लान हिमाचल प्रदेश ( अनुसूचित जाति, अनुसूचित जन जाति विकास निधि कानून के लिए राज्य स्तरीय गठबंधन के अंतर्गत किसान भवन बिलासपुर में 36 से ज्यादा प्रादेशिक संगठनों ने न केवल भाग लिया अपितु इस ज्वलंत मुद्दे को हर संभव तन-मन-धन से साथ- सहयोग की भी हामी भरी। एतदर्थ प्रदेश के विभिन्न ज़िलों में ज़िला स्तरीय परामर्शों का आयोजन जागृति अभियान के मद्देनज़र किया गया।
दूसरे गत मानसून सत्र के दौरान सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री के साथ उक्त कानून बनाने हेतु पैरवी की गई।
तीसरे गत मानसून सत्र के दौरान अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति के दोनों पार्टियों के विधायकों के साथ हिमाचल प्रदेश में उक्त विकास निधि कानून बनाने हेतु विचार- विमर्शोपरांत 15/17 विधायकों का उनके हस्ताक्षरों के माध्यम से उनका समर्थन व सहमति ली गई।
चौथे 1 फरवरी 2024 को मुख्यमंत्री के साथ हिमाचल एतदर्थ कानून बनाने पर विचार- विमर्श किया गया।
पांचवे 11 फरवरी 2024 को मुख्यमंत्री के आग्रह पर हिमाचल प्रदेश में उक्त कानून ड्राफ्ट बिल भोरंज के माननीय विधायक डॉ. सुरेश कुमार जी के माध्यम से मुख्यमंत्री महोदय को सबमिट किया गया। आगामी कार्य योजनान्तर्गत अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति तथा न्याय व समानता के पक्षधर विभिन्न सामाजिक संगठनों से अनुरोध किया जा रहा है कि वो इस संदर्भ में एक प्रस्ताव पारित करते हुए माननीय मुख्यमंत्री हिमाचल को सानुरोध करें कि हिमाचल प्रदेश में भी कर्नाटक, राजस्थान, आंध्र प्रदेश तथा तेलंगाना के जैसा यहाँ हिमाचल प्रदेश में भी उक्त कानून बनाया जाय तथा संबंधित प्रस्ताव की प्रतिलिपि स्टेट कोलेशन के साथ साझा करने हेतु विशेष आग्रह किया जा रहा है।
इतना ही नहीं 3 सितंबर 2024, शीतकालीन सत्र 19 दिसंबर 2024, 7 जून 2025 को इसी मुद्दे पर ऑल इण्डिया कांग्रेस कमेटी नेशनल बार रूम के चेयरमैन व लोकसभा सांसद आदरणीय शशिकांत सेंथिल से भी बैठक की गई। 08 अगस्त 2025 कोलेशन के प्रतिनिधिमण्डल द्वारा दिल्ली में ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी के मुख्यालय तथा ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी – अनुसूचित जाति विभाग के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं दिल्ली सरकार के पूर्व मंत्री आदरणीय राजेन्द्र पॉल गौतम जी के साथ उक्त विषयक कानून बनाने हेतु बैठक हुई।
28 अगस्त 2025 को उनका प्रतिनिधि मण्डल माननीय मुख्यमंत्री की ओर से सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री से पार्टी ” चुनाव घोषणा पत्र ” में किए गए वायदे अनुसार एतदर्थ कानून बनाने की मांग रखी गई थी। इसके लिए प्रादेशिक विभिन्न सामाजिक संगठनों का साथ- सहयोग लेकर उक्त कार्यक्रम हेतु साथ – सहयोग लिया जाता रहा।
विचारणीय तो यह है कि दो वर्षों से एतद् विषयक सरकार और सरकारी मशीनरी से साथ लेकर तथा यही मांग करते दो वर्ष बीतने लगे किंतु जाने क्यों अनुसूचित वर्गों हेतु तो इतनी मीन- मेष की जाती रही है किन्तु EWS लागू बकरने हेतु असंवैधानिक रूप से सुदामा कोटा 24 घण्टों में पक्ष व विपक्ष दलों ने लागै ही कर दिया गया। अब देखना यह है कि यह सरकार कितनी अनुसूचित वर्गों के लिए संवेदनशील रहेगी या टालने की ढुलमुल नीति अपनाती रहेगी।

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