शिमला टाइम, शिमला
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में प्रशासन द्वारा icdeol की फीसो में 10% की वृद्धि के फैसले का विरोध किया है।
विश्वविद्यालय इकाई के अध्यक्ष विशाल वर्मा ने कहा की विद्यार्थी परिषद हमेशा से प्रत्येक छात्र तक सस्ती व गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मुहैया हो इस कड़ी में कार्य कर रही है। विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा Icdeol की फीसो को बढ़ाना बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण निर्णय है। एक तरफ तो प्रदेश की सरकार शिक्षा क्षेत्र को सुदृढ़ करने की बड़ी बड़ी बातें करती है। वहीं दूसरी तरफ वही प्रशासन व सरकार फीस वृद्धि कर के गरीब छात्रों से शिक्षा को दूर भी कर रही है। यदि प्रदेश की सरकारें और प्रशासन इसी तरह फीस वृद्धि करती रहेगी तो सरकारी व निजी विश्वविद्यालय में कोई अंतर नहीं रह जाएगा।
Icdeol के माध्यम से प्रदेश के बहुत से गरीब छात्र शिक्षा ग्रहण करते है। हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में पहले से ही फीस बहुत ज्यादा है। Icdeol में जो फीस वृद्धि की गई है इसको शीघ्र अति शीघ्र वापिस लिया जाए। नहीं तो विद्यार्थी परिषद हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय इकाई इसके विरुद्ध आन्दोलन शुरू करेगी।
उधर , मामले पर हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय की एसएफआई इकाई ने इक्डोल निर्देशक और उपकुलपति की गैरमौजूदगी में रजिस्ट्रार को इक्डोल में दस फीसदी फीस वृद्धि के खिलाफ ज्ञापन सौंपा।
प्रदेश सरकार और विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा इक्डोल के स्नातक और स्नातकोत्तर डिग्री और डिप्लोमा कोर्सेज में दस फीसदी फीस वृद्धि करने का प्रस्ताव लाया गया है। एस एफ़ आई ने आरोप लगाए कि इक्डोल के निर्देशक साहब कुलवंत पठानिया घूमने में व्यस्त हैं । उपकुलपति भी विश्वविद्यालय से गायब है इससे साफ साफ पता चलता है कि जो अधिकारी प्रशासन में नियुक्त किए गए है वे अपनी जिम्मेवारियों में पल्ला झाड़ रहे है।
एसएफआई में प्रशासन को साफ चेताया है कि जब तक फीस वृद्धि का प्रस्ताव वापिस नहीं ली जाती तब तक प्रवेश प्रक्रिया को भी रोक दी जाए। अगर इस प्रस्ताव को जल्द ही वापिस नहीं लेगी तो आने वाले समय में विवि प्रशासन और सरकार एक उग्र आंदोलन के लिए तैयार रहे।