शिमला टाइम
भारत की कम्युनिस्ट पार्टी(मार्क्सवादी) ने नगर निगम शिमला द्वारा पार्किंग फीस में भारी वृद्धि व निगम के किरायदारों से प्रॉपर्टी टैक्स की वसूली के निर्णय का विरोध किया है तथा इस निर्णय को तुरंत वापिस लेने की मांग की है।
जब से बीजेपी नगर निगम शिमला में स्त्तासीन हुई है तो वह सरकार के दबाव में आकर जनता पर केवल आर्थिक बोझ डालने का कार्य ही कर रही है। गत तीन वर्षों में पानी, प्रॉपर्टी टैक्स, पार्किंग, कूड़ा उठाने की फीस, दुकानों के किराए व अन्य सेवाओं की दरों में भारी वृद्धि की गई है। गत तीन वर्षों में पानी में करीब 40 प्रतिशत, कूड़े उठाने की फीस में 90 प्रतिशत, पार्किंग में 600 रुपए से बढ़ा कर 1000 रुपये किये गए हैं जोकि करीब 70 प्रतिशत की एकमुश्त वृद्धि है। इसके साथ ही प्रॉपर्टी टैक्स में भी अभी 10 प्रतिशत की वृद्धि पहली बार की गई है और आने वाले समय यह हर साल बढ़ाया जाएगा।
भारत की कम्युनिस्ट पार्टी(मार्क्सवादी) के जिला सचिव संजय चौहान ने कहा कि कोविड19 के कारण जिस प्रकार के हालात आज देश, प्रदेश व शहर में हुए हैं उससे बड़े पैमाने पर लोगो का रोजगार व कारोबार भी बुरी तरह से प्रभावित हुआ है। ढाई माह से ऊपर लॉकडाउन के कारण शिमला शहर व इसके आसपास के क्षेत्रों में भी कारोबार बिल्कुल ठप्प रहा है और अभी भी लोगो की खरीद की ताक़त में आई कमी से कारोबार पटरी पर नही आ रहा है। आज लगभग हर प्रकार का कारोबारी इसके चलते संकट के दौर से गुज़र रहा है। न तो प्रदेश सरकार और न ही नगर निगम इनको कोई भी राहत प्रदान कर पाई है। राहत छोड़ इसके विपरीत जो लोग नगर निगम के किरायदार है उन पर अब प्रॉपर्टी टैक्स का बोझ भी डाला जा रहा है जोकि न तो न्यायसंगत है और न ही तार्किक है। सीपीएम मांग करती है कि नगर निगम सभी को प्रॉपर्टी टैक्स, कूड़े की फीस व पानी के बिलों में छूट दे राहत प्रदान की जाए। यदि इस मांग को नहीं माना गया तो सीपीएम शहर के अन्य संगठनों के साथ मिलकर सरकार व नगर निगम के इन जनविरोधी नीतियों के विरुद्ध आंदोलन चलाएगी।