शिमला टाइम
हिमाचल प्रदेश कांग्रेस के लीगल डिपार्टमेंट उपाध्यक्ष देवेन भट्ट ने ब्लॉक मेडिकल अफसरों की सीनियोरिटी को अनदेखा करने के आरोप लगाये है। उन्होंने आरोप लगाए हैं कि 80 से अधिक ब्लॉक मेडिकल अफसरों की सीनियोरिटी को अनदेखा कर सरकार प्रदेश के अस्पतालों में चिकित्सा अधीक्षकों के पदों पर कम अनुुुभव वालेे अपने चहेते को लगा रही है। उन्होंने आरोप लगाया है कि सरकार ऐसा कर वरिष्ठ व अनुभवी चिकित्सकों के साथ अन्याय कर रही है। जो कि बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। अधिवक्ता देवेन भट्ट ने ऐसी तैनातियों को नियमों के विरुद्ध व अंसवैधानिक बताया है। उन्होंने सीनियर व पात्र डाक्टरों को अपने अधिकारों के लिए आवाज़ उठाने का भी आग्रह किया है ताकि उनके जैसे योग्य व अनुभवी लोग इन मुख्य पदों पर बैठ कर जनता के हित में काम करें। उन्होंने कहा कि नियमों के मुताबिक सबसे वरिष्ठ बीएमओ एमएस बनने चाहिए। मगर शिमला की ही बात करें तो आईजीएमसी व रिपन जैसे अस्पतालों में भी सालों से वरिष्ठता को दरकिनार किया जा रहा है। सरकार अपने चहेतों को इन पदों से नवाज रही है। आईजीएमसी में तो एक सर्जन को इस पद पर बैठाया है जबकि उन्हें मरीजों की खिदमत में होना चाहिए था। ऐसा अब तक रिपन अस्पताल में भी चल रहा था जहां पर एक जूनियर को एमएस बनाया था। जबकि सरकार को सीनियोरिटी के आधार पर ऐसी ताजपोशी करनी चाहिये। देवेन भट्ट ने सरकार से मांग की है कि रिपन में पुराने एमएस की वापिसी न कर सीनियोरिटी आधार पर नए चिकित्सक को ही लगाया जाए। अन्य अस्पतालों में भी चिकित्सा अधीक्षकों की तैनाती में सीनियोरिटी का ख्याल रखा जाए।
