निर्भया फंड से करोड़ों मिलने के बाद भी महिलाओं की सुरक्षा में चूक कर रही सरकार: कमल सोई

शिमला टाइम

वाहनों में महिलाओं की सुरक्षा के दृष्टिगत केंद्र ने हिमाचल सरकार को कमांड और कंट्रोल सेंटर बनाने के लिए 9.36 करोड़ रुपये की राशि जारी की है। निर्भया फंड के तहत यह रकम हिमाचल को मिली है। लेकिन हिमाचल सरकार इस सेंटर को बनाने में ढिलाई कर रही है।

अंतराष्ट्ररीय सड़क सुरक्षा विशेषज्ञ कमल सोई ने शिमला में पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि हिमाचल सरकार ने कमांड और कंट्रोल सेंटर प्राइवेट हाथों में दे दिया है तथा 4-5 निजी कम्पनियों को यह जिम्मेदारी दी गई है।

उन्होंने सरकार को इस सेंटर के बनाने में निजी कम्पनियों को तवज़्ज़ो न देने का आग्रह किया है। कहा कि यह नारी की सुरक्षा से जुड़ा मसला है। निजी कंपनी को यह काम मिलने पर निजी कंपनी के पास वाहनों का डाटा चला जाएगा। इससे डाटा के गलत इस्तेमाल की संभावनाए बढ़ जाएंगी। ऐसे में सरकार व परिवहन विभाग को कमांड और कंट्रोल सेंटर का काम निजी हाथों में नहीं देना चाहिए। उन्होंने कहा कि कंट्रोल रूम को बनाने का काम सरकारी कम्पनियों बीएसएनएलन एनआईसी को मिलना चाहिए था।

उनका कहना है कि कई प्रदेशों में कंट्रोल रूम स्थापित किए जा चुके हैं तथा सरकारी उपक्रमों की ओर से यह काम किया गया है, जबकि हिमाचल प्रदेश में कंट्रोल रूम को प्राइवेट कम्पनियों को देने के पीछे सरकार की मंशा पर प्रश्नचिन्ह खड़ा करता है। उन्होंने कहा कि कंट्रोल रूम को प्राइवेट कम्पनियों के हवाले करने से महिलाओं से जुड़ा डाटा लीक होने का अंदेशा है। अगर हिमाचल सरकार ने उनकी बात पर अमल नहीं किया, तो उन्हें कोर्ट का दरवाजा खटखटाना पड़ेगा।

उन्होंने कहा कि हिमाचल में लगभग 3-4 लाख के करीब पब्लिक वाहनों में जीपीएस व व्हीकल ट्रैकिंग सिस्टम लगना है। इनमें से 30 हजार के आसपास वाहनों में जीपीएस व व्हीकल ट्रैकिंग सिस्टम लगाया जा चुका है, लेकिन कंट्रोल रूम बनाने काम शुरू नहीं हुआ है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *