SJVNL ऊर्जा उत्पादन के अलावा पर्यावरण का संतुलन बनाए रखने में भी निभाएगा महत्वपूर्ण भूमिका : राज्यपाल

राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने किया नाथपा झाकड़ी हाइड्रो पावर स्टेशन का दौरा
शिमला टाइम, झाकड़ी
राज्यपाल महामहिम बंडारू दत्तात्रेय ने वीरवार को नाथपा झाकड़ी हाइड्रो पावर स्टेशन का दौरा किया । परियेाजना पधारने पर परियोजना प्रमुख रवि चन्द्र नेगी एवं महाप्रबन्धक प्रवीन सिंह नेगी ने गर्मजोशी से राज्यपाल का पारम्परिक रीति-रिवाज अनुसार स्वागत किया और उन्हें गार्ड ऑफ ऑर्नर भी दिया गया। तदोपरान्त उन्होंने भारत के सबसे बड़े भूमिगत पावर स्टेशन का दौरा किया ।
परियोजना प्रमुख रवि चन्द्र नेगी ने अध्यक्ष एवं प्रबन्ध निदेशक नंद लाल शर्मा द्वारा निर्धारित सांझी दूर-दृष्टि: 2023 तक 5000 मे0वा0, 2030 तक 12000 मेगावाट एवं 2040 तक 25000 मे0वा0 के लक्ष्यों एवं विभिन्न सामाजिक गतिविधियों से अवगत करवाया गया । उन्हें विद्युतगृह में उपयोग की गई तकनीक एवं उपकरणों की बारीकियों की भी जानकारी दी गई।

राज्यपाल ने कहा कि हिमाचल प्रदेश बिजली उत्पादन के क्षेत्र में अग्रणी राज्यों मेंएक है, जहां अतिरिक्त ऊर्जा का निष्पादन किया जा रहा है। जल विद्युत उत्पादन ने राज्य के आर्थिक संसाधनों को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है लेकिन पर्यावरण संरक्षण को ध्यान में रखते हुए जल विद्युत उत्पादन में और अधिक काम करने की आवश्यकता है।
उन्होंने कहा कि 1500 मेगावाट क्षमता का नाथपा झाकड़ी जलविद्युत स्टेशन देश का सबसे बड़ा जलविद्युत संयंत्र है जो देश के लगभग नौ राज्यों को बिजली प्रदान कर रहा है। यह परियोजना सबसे बड़ी और सबसे लंबी हेडलाइन सुरंग, सबसे बड़े डिसिल्टिंग चैंबर, सबसे गहरे और बड़े सर्ज शाफ्ट और सबसे बड़े भूमिगत पावर काॅम्प्लेक्स है। अक्तूबर 2003 में पहली इकाई चालू होने के बाद से इस परियोजना ने भारतीय उत्तरी ग्रिड में 1,500 मेगावाट क्षमता को जोड़ा। उन्होंने प्रसन्नता व्यक्त की कि केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय भविष्य की पनबिजली परियोजनाओं के लिए इसे मानदंड के रूप में इस्तेमाल कर रहा है। परियोजना प्रमुख आर.सी. नेगी ने परियोजना की कार्यप्रणाली के बारे में जानकारी दी। महाप्रबंधक, मानव संसाधन प्रवीण सिंह नेगी और परियोजना के अन्य अधिकारी भी इस अवसर पर उपस्थित थे।

इससे पहले, राज्यपाल ने भीमा काली मंदिर सराहन में पूजा-अर्चना की और मंदिर परिसर का दौरा कर इस के इतिहास के बारे में जानकारी हासिल की। दत्तात्रेय ने कहा कि भीम काली मंदिर 51 शक्तिपीठों में एक है। वास्तुकला की अनूठी शैली, मंदिर की दीवारों पर पत्थरों और लकड़ी की अद्भुत नक्काशी शानदार हैं।
 उन्होंने कहा कि मंदिर परिसर बेहद साफ-सुथरा है जहां से प्रकृति के मनोरम दृश्य को देखा जा सकता है। उन्होंने कहा कि हिमाचल देवी और देवताओं की भूमि है जिसे देव भूमि के रूप में जाना जाता है। यहां के प्राचीन मंदिरों में देव भूमि का महत्व परिलक्षित होता है।

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