शिमला टाइम
बजट सत्र के चौथे दिन आज विपक्ष ने पॉइन्ट ऑफ आर्डर के तहत निलंबन वापिस लेने के लिए चर्चा मांगी। व्यवस्था न मिलने के बाद विपक्ष ने नारेबाजी शुरू कर दी व वॉकआउट कर दिया। मुख्यमंत्री ने विपक्ष के विधायकों के निलंबन को नियमों के तहत बताया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह घटना कांग्रेस के लिए गले की हड्डी बन गई है। मीडिया में गलत बयानबाजी की जा रही है लेकिन जनता उनके इस कृत्य को देख रही है। उन्होंने कहा कि अध्यक्ष ने जो निर्णय किया है वह नियमो के अनुरूप है। जब भी सदन बुलाया जाता है सभी को सन्देस दिया जाता है। सदन अगर चार मिनट के अंदर बुलाया गया तब भी वह विधानसभा परिसर में ही थे अगर वह आना चाहते तो आ सकते थे सदन में उनके आने की ही मंशा ही नही थी। सदन की कार्यवाही लगभग 1 घण्टे तक चली। विपक्ष के पास कोई जवाब नही था इसलिए वह सदन में में नही आये। सवैधानिक पद पर आसीन किसी व्यक्ति की मर्यादा को भंग करने की जब कोशिश की जाती है मामले में वही धाराएं कांग्रेस के विधायकों पर लगाई गई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि कांग्रेस में देश व प्रदेश में वरिष्ठ नेताओं के मार्गदर्शन की कमी है।
गतिरोध खत्म करने पर मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारा दिल बहुत बड़ा है लेकिन माफी मांगने के लिए विपक्ष ने देरी कर दी है फिर भी गतिरोध को खत्म करने के लिए विपक्ष को आगे आना चाहिए।










