शिमला टाइम
विपक्ष के निलंबित विधायको की सदन में वापसी हो गई है। गतिरोध को खत्म करने के लिए स्पीकर चैम्बर में बैठक हुई। जिसमें सीएम के अलावा संसदीय कार्यमंत्री सुरेश भारद्वाज, जल शक्ति मंत्री महेन्द्र सिंह, विपक्ष की तरफ से पांच संदस्य, आशा कुमारी सुखविंदर सिंह, जगत सिंह नेगी, रामलाल ठाकुर, कर्नल धनी राम शांडिल मौजूद रहे। इसके बाद इसके लिए सदन में प्रस्ताव लाया गया। जिसके बाद निलंबन को वापिस ले लिया गया है।
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि विपक्ष ने गतिरोध को तोड़ने के लिए पहल की और सत्ता पक्ष ने इसे स्वीकार किया। सदन में प्रस्ताव रखा गया जिसमें निलंबन को वापिस नल लिया गया। उन्होंने कहा कि हमारा व्यक्तिगत किसी से कोई मतभेद नही है। सदन में सार्थक चर्चा हो यह आवश्यक है। सवांद ही विवाद का हल होता है। सवांद से पूरे मामले का हल हुआ है।
सदन में पेश हुए आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट पर मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड के चलते देश व प्रदेश की आर्थिकी को नुकसान हुआ है। अब अर्थव्यवस्था पटरी पर लौट रही है। जिससे आर्थिकी के सुधार में कुछ समय लगेगा।भांग की खेती को कानूनी मान्यता देने के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि इस पर विस्तृत विचार की आवश्यकता है। कई देशों में इसे कानूनी मान्यता दी गई है। देश की आर्थिकी व दवाई बनाने में इसका महत्वपूर्ण योगदान हो सकता है। इस विचार करने की आवश्यकता है।
वन्ही विपक्ष के नेता ने कहा कि सदन को सरकार अकेले नही चला सकती। विपकक्ष सदन की आत्मा है विपक्ष के बिना सदन नही चल सकता। उन्होंने कहा कि खाली सदन से उनका निलंबन किया गया था। आज मुख्यमंत्री, व अध्य्क्ष से बातचीत हुई जिसके बाद निलंबन वापिस हुआ। सदन में जाने के बाद विपक्ष जनता के मुद्दों को सदन में उठाएगा।
बता दे कि 26 फरवरी को बजट सत्र के पहले दिन ही राज्यपाल के अभिभाषण के बाद बरपे हंगामे पर सदन ने कांग्रेस के पांच विधायकों मुकेश अग्निहोत्री, सुंदर ठाकुर, विनय कुमार, हर्षवर्धन चौहान, सतपाल रायजादा को पूरे सत्र के लिए निलंबित कर दिया था।