शिमला टाइम
मजदूरों के हितों से जुड़ी मांगो को सरकार के समक्ष उठाने के लिए श्रमिक संगठन सीटू द्वारा 1 जून से 10 जून तक देश भर में अभियान चलाया जा रहा है जिसके तहत प्रदेश में भी जगह जगह धरने प्रदर्शन किए जा रहे हैं। इसी के चलते सीटू कार्यकर्ताओं द्वारा राजधानी के हिमलैंड स्थित श्रम आयुक्त कार्यालय के बाहर धरना प्रदर्शन किया गया। इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने केंद्र व प्रदेश सरकार पर मजदूर विरोधी नीतियां बनाने व पूंजीपति हितेषी कानून पारित करने के आरोप लगाए।
प्रदेश व केंद्र सरकार पर मजदूरों के हितों का हनन करने के आरोप लगाते हुए श्रमिक संगठन सीटू द्वारा श्रम आयुक्त कार्यालय के बाहर जमकर नारेबाजी की गई। सीटू नेता विजेंद्र मेहरा का कहना है कि कोरोना महामारी के इस दौर में देश के करोड़ों लोग बेरोजगार हुए है लेकिन केंद्र व प्रदेश सरकार की ओर से प्रभावितों की कोई मदद नही की गई। उन्होंने कहा कि एक तरफ बेरोजगारी व बढ़ती मॅहगाई ने आम आदमी की कमर तोड़ दी है तो वंही मदद करने की बजाय सरकार आये दिन नए नए कानून पारित करके लोगो की मुश्किलें बढ़ रही है। मेहरा ने कहा कि सरकार द्वारा पारित 4 नए लेबर कोड व मजदुरों के कार्य के समय को 8 से 12 घंटे बढ़ाने का फैसला भी मजदूरों के हितों के साथ खिलवाड़ है। मेहरा ने कहा कि बेरोजगारों को रोजगार देने के लिए केंद्र सरकार को मनरेगा योजना के तहत प्रावधान करना चाहिए ।