शिमला टाइम
शिमला ग्रामीण के विधायक विक्रमादित्य सिंह ने पॉइंट ऑफ आर्डर के तहत सदन में दीन दयाल उपाध्याय अस्पताल की खस्ताहाल का मुद्दा उठाया। अस्पताल में ऑपरेशन की सुविधा नहीं है मशीनें काफी पुरानी लगी है।शिमला, सोलन और सिरमौर के लोग यंहा इलाज करवाने पहुंचते है लेकिन सुविधा न मिलने से हताश हो जाते हैं ।सरकार इसकी दशा सुधारने के लिए कोई कदम नहीं उठा रही है।
इस पर संसदीय कार्यमंत्री सुरेश भारद्वाज ने कहा कि
सदन नियमों के अनुसार चलता है।सदन में
दादागिरी नहीं चलेगी।नियम 62 के तहत मुद्दे को उठाया जा सकता था केवल अखबारों को सुर्खियां बटोरने के लिए मुद्दा उछाला जा रहा है।
इस पर नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि राज्यपाल के अभिभाषण के दौरान नियम 62 के तहत मुद्दा उठाया नहीं जा सकता है।यह मामला लोगों के स्वास्थ्य से जुड़ा हुआ है इसलिए मुख्यमंत्री इस पर जवाब दे।संसदीय कार्य मंत्री के इसमें आपत्ति का कोई प्रश्न ही नही बनता है क्योंकि अध्यक्ष ने विधायक को बोलने का समय दे दिया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि केवल अखबार की खबर बनाने के लिए मुद्दे उठाना ठीक नहीं है।मुख्यमंत्री ने कहा कि मुद्दा उठाना सही है पर नियमों के अनुसार होना चाहिए।लेकिन विपक्ष के नेता जब बोलने लगते है तो झगड़ा करने पर उतारू हो जाते हैं।इसलिए विपक्ष के नेता को झगड़ू वाली छवि नही बनानी चाहिए।सरकार अस्पताल की दशा सुधारने के लिए जरूरी कदम उठाएगी।
शिलाई के विधायक हर्षबर्धन ने उठाया भ्रष्टाचार का मामला
शिलाई के विधायक हर्षबर्धन ने अपने क्षेत्र में भ्रष्टाचार का मामला सदन उठाया। हर्षवर्धन ने कहा कि शिलाई ब्लॉक में सबसे ज्यादा भ्रष्टाचार है। सचिव, जेई ,प्रधान से लेकर सभी लोग मिले हुए है। पंचायतों में विकास के लिए आ रहे पैसे का जमकर दुरुपयोग हो रहा है। शिलाई में 500 करोड़ में से 300 करोड़ का घोटाला हुआ है,जिसकी गहन जांच के बाद कड़ी कार्रवाई हो। इसकी विजिलेंस जांच होनी चाहिए।
जवाब में पंचायती राज मंत्री वीरेन्द्र कंवर ने बताया कि शिलाई में 15 मामलों की शिकायतें आई हैं। इनमें से 8 पर कार्रवाई हुई। शिलाई पहला ऐसा ब्लॉक है जहां से इतनी शिकायतें आई हैं। बाकी जो भी शिकायतें आएंगी उनके ऊपर जांच कर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
इसके बाद मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा है कि कालाअंब दवाई कंपनी की दवाई खाने से जम्मू कश्मीर में कुछ बच्चों की मौत हो गई थी।दवाई के सैंपल में कुछ ऐसे तत्वों पाए गए हैं जो शरीर के लिए घातक थे।जिससे यह घटना हुई है।सरकार ने अपने स्तर पर भी दवाई के सैम्पल जांच के लिए भेजे गए हैं रिपोर्ट आने के बाद सरकार इसमें कार्रवाई करेगी।फिलहाल के लिए दवाई की बिक्री पर रोक लगाई गई है।मामले की जांच पुलिस करेगी।