विपक्ष में समझाने व नेतृत्व करने वाला कोई नहीं, सार्थक विषय हैं तो करें चर्चा, अन्यथा भविष्य में जनता भी सामान उठा कर भेज देगी, विपक्ष के रवैये की सीएम ने की निंदा


शिमला टाइम
हिमचल विधानसभा मानसून सत्र के 8वें दिन बुधवार को विपक्ष के वाकआउट को लेकर मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि सदन में पिछले कल जनकल्याण की नीतियों पर चर्चा हुई। लेकिन विपक्ष जनसंघ बात की करते करते महारानी विक्टोरिया तक पहुंच गया लेकिन फिर भी सदन ने सुना। विपक्ष ऐसी बातों पर चर्चा कर रहा है जिसका सदन से संबध ही नहीं है। विपक्ष के सदस्य सदन में राजनीति की बातें कर रहे। सीएम ने कहा पिछले कल विपक्ष का रवैया इतना अधिक गैरजिम्मेदाराना रहा कि एक दिन में 3 बार वाकआउट किया।
प्रश्नकाल महत्वपूर्ण होता है। लेकिन विपक्ष रवैया सही नहीं है। उन्होंने कहा विपक्ष गुंडागर्दी की बातें सदन में कर रहा है।
उन्होंने कहा कि विचित्र तो ये था कि नेता प्रतिपक्ष सदन में आकर धमकी दे रहे हैं। वह क्या संदेश देना चाहते है। चिल्ला चिल्ला कर बोलना तो समझ मे आता है कि आदत है लेकिन धमकी देना कहाँ तक सही है।
विपक्ष के नेता को लगता है कि इस तरह का व्यवहार करने से वह बहुत बड़े नेता बन जाएंगे। अध्यक्ष की कुर्सी के सामने नारे लगना सदन का अपमान है।
सीएम ने कहा कि विपक्ष में समझने व नेतृत्व करने वाला कोई नहीं रह गया। इसलिए विपक्ष उछल कूद कर के सदन की गरिमा को ठेस पहुंचा रहे है। उन्होंने विपक्ष के ऐसे रवैये की निंदा की। सीएम ने कहा कि विपक्ष के पास सार्थक चर्चा के लिए विषय है तो चर्चा करें। अन्यथा भविष्य में यही स्थिति बनेगी सामान उठा कर ही जनता भेज देगी इनको।

संसदीय कार्य मंत्री ने कहा कि विपक्ष का रवैया निंदनीय है। कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए। इस पर सदन के नेता अलग से प्रस्ताव लाएं।

सदन में अध्यक्ष विपिन परमार ने बताया कि प्रश्नकाल के आरंभ में विपक्ष के नेता कुछ कहने की कोशिश कर रहे थे आग्रह भी किया कि बैठ जाये लेकिन वह बहुत जोश में थे। विपक्ष के सदस्य अपनी अपनी सीट छोड़कर मंत्रियों के खिलाफ नारे बाजी करने लगे।
उन्होंने बताया कि जगत नेगी के भाषण को कार्यवाही से हटाये जाने की बात गलत है अध्यक्ष ने कहा कि केवल आपत्तिजनक व सनसनी फैलाने वाले शब्दों को कार्यवाही से हटाया गया है।
विपक्ष की तरफ से जो सहयोग मिलना चाहिए नहीं मिल रहा है। उन्होंने कहा कि सदन में आपत्ति जनक शब्द न कहे जाएं। हम किस विचार से जुड़े है व्यक्तिगत सोच है ऐसे विचार जो हमें विश्वास, अनुशासन दे रहा है इस पर यदि अभद्र टिप्पणी की जाए तो यह अशोभनीय है।

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