शिमला टाइम
स्वच्छता के नाम पर यूँ तो आपने बड़े – बड़े नेताओं को झाड़ू पकड़ कर संदेश देते हुए देखा होगा। ये अलग बात है कि वीआईपी मूवमेंट को देखते हुए उस जगह को पहले से ही चमका दिया जाता है। इलाके को स्वच्छ रखने के लिए इस तरीके का संदेश देते तो बहुतों को देखा है जो एक फोटो क्लिक के साथ खत्म भी हो जाता है।
मगर इसके विपरीत हिमाचल प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अफसर से लेकर कर्मचारी तक सभी गन्दे नालों में घुस कर धरातल पर सफाई करते नज़र आये। जबकि वह एक आदेश पर नगर निकायों व स्थानीय निकायों को सफाई करने के लिए मजबूर करने की शक्ति रखते हैं फिर भी उन्होंने एक उम्दा उदाहरण पेश करते हुए खुद इस काम को करने का निर्णय लिया और मिसाल पेश की। शायद ही अब तक हिमाचल में किसी दूसरे अधिकारी व कर्मचारी ने ऐसी मिसाल पेश की हो। ऐसे में जब लालपानी नाला जाखू से लेकर बिहार नेहरा तक शिमला शहर की सबसे ज्यादा गन्दगी ढोता है। ऐसे नाले में उतर कर पहली बार एक आईएएस अधिकारी ने खुद सफाई कर जो सन्देश दिया उसकी हर तरफ प्रशंसा हो रही है। अपूर्व देवगन जो प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड में सदस्य सचिव है। वह पूरी टीम के साथ स्वच्छता का संदेश देते नज़र आए।
हिमाचल प्रदेश में पिछले 9 अगस्त से शुरू किए गए स्वच्छ हिमाचल स्वस्थ हिमाचल अभियान के तहत शनिवार को प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा लाल पानी के समीप नाले में सफाई अभियान चलाया गया। इस सफाई अभियान में प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों और कर्मचारियों के साथ साथ नगर निगम शिमला के कर्मचारी, शिमला जल प्रबंधन निगम के कर्मचारी और स्वयंसेवी संस्थाओं सहित स्लाटर हाउस के कर्मचारियों ने भी अपना सहयोग दिया। इस दौरान हिमाचल प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सदस्य सचिव अपूर्व देवगन ने कहा कि 9 अगस्त से लेकर शुरू हुए साप्ताहिक सफाई अभियान के तहत सरकार द्वारा प्रत्येक विभाग को इस अभियान में शामिल होने का आह्वान किया गया है इसी के चलते आज प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने भी अपनी भागीदारी सुनिश्चित करते हुए लाल पानी में नाले की सफाई करने का बीड़ा उठाया उन्होंने कहा कि यह नाला लिफ्ट से होते हुए लाल पानी तक आता है और इस नाले में काफी कचरा जमा है इसके साथ ही उन्होंने शिमला के प्रतेक नागरिक से आग्रह किया है कि वे अपने आस पास भी सफाई व्यवाथा बनाकर रखें।

हिमाचल प्रदेश राज्य प्रदूषण बोर्ड ने अपने क्षेत्रीय कार्यालय शिमला और क्षेत्रीय प्रयोगशाला शिमला के माध्यम से हीलिंग हिमालय, शूलिनी विश्वविद्यालय, होमगार्ड, एसजेपीएनएल, एमसी स्लॉटर हाउस, मेसर्स एलिफेंट एनर्जी, ओबेरॉय ग्रुप (सेसिल एंड वाइल्ड फ्लावर हॉल), होटल रेडिसन जैस ग्रुप, होटलियर एसोसिएशन, बीडीओ मशोबरा और एमसी शिमला के 250 स्वयंसेवकों के सहयोग से शिमला के अश्विनी प्रदूषित नदी खंड के जलग्रहण क्षेत्र में स्वच्छता अभियान चलाया। अभियान तीन स्थानों पर आयोजित किए गए थे। 1) लिफ्ट नाला (लिफ्ट से लालपानी पुल तक) 2) राष्ट्रीय राजमार्ग (तूतीकंडी से पंथघाटी तक) और 3) अश्विनी खड्ड (ग्राम पंचायत पुजारी और राजना। यह अभियान स्वतंत्रता के 75वें वर्ष के उपलक्ष्य में माननीय मुख्यमंत्री, हिमाचल प्रदेश के द्वारा उद्घाटित स्वच्छता अभियान 9-15 अगस्त 2021 के अंतर्गत चलाये जा रहे अभियान का हिस्सा है। अभियान के शुरुआत में अपूर्व देवगन (आईएएस) सदस्य सचिव हिमाचल प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने प्रतिभागियों को शपथ दिलाई।
प्रतिभागियों द्वारा लगभग 3.5 मीट्रिक टन ठोस अपशिष्ट कोम्बरमेयर में लिफ्ट नाला, स्लॉटर हाउस एमसी शिमला में लिफ्ट नाला, टूटीकंडी से पंथाघाटी तक एनएच -5 पर चलाये गए सफाई अभियान और अश्विनी खड्ड से एकत्र किया गया। एकत्र किए गए कचरे को निपटान के लिए भार्याल ऊर्जा संयंत्र में भेज दिया गया।
