शिमला टाइम, झाकड़ी
वेतन न मिलने पर मजदूरों का प्रर्दशन और वेतन न मिलने की आड़ में नौकरी से निकालने के आरोप को एनजेएचपीएस ने निराधार बताया है। ठेकेदार द्वारा दिए गए रिकार्ड के अनुसार समस्त कर्मियों को उनके वेतन का भुगतान किया जा चुका है । परियोजना ने स्पष्ट किया है कि एनजेएचपीएस में ठेकेदार केे माध्यम से कार्यरत कांट्रेक्ट कर्मियों के अक्तूबर माह का वेतन उसी माह उनके निजी खाते में भुगतान हो चुका था, केवल कुछ संविदा कर्मियों के 7 दिन का वेतन शेष था, इसी प्रकार केवल नवम्बर माह वेतन बकाया था । चूंकि नए ठेकेदार को कार्य-अवार्ड हुआ और ठेकेदार नया था और नयी जगह का था । बावजूद इसके लगातार एनजेएचपीएस द्वारा ठेकेदार से सम्पर्क जारी रखा क्योंकि प्रबंधन संविदा-कर्मियों के दायित्व के प्रति संजीदा है । ठेकेदार के वक्तव्य के अनुसार इस दौरान वेतन भुगतान में थोड़ी देरी की मुख्य वजह कार्यक्षेत्र में कांट्रेक्ट वर्करों के खाता संबंधी दस्तावेजों का सत्यापन-प्रक्रिया रहा ।
इस संबंध में परियोजना द्वारा बैंक से सम्पर्क साधा गया और कुछ तकनीकी समस्याओं की वजह से कुछ संविदा-कर्मियों के खाते में क्रेडिट नहीं हो पाया । प्रबन्धन हमेशा मजदूरों के हित को सर्वोपरि रखता है और उनके हितों की रक्षा की लिए हमेशा कटिबद्ध रहा है और तत्परता से सांमजस्य बनाए रखने में ही विश्वास करता है ।