शिमला टाइम
हिमाचल प्रदेश राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के ध्यान में लाया गया है कि प्लास्टिक कचरे को राज्य में 70 जगहों/डंपसाइटों पर अनुपयुक्त तरीके से फेंक दिया गया है। हिमाचल प्रदेश राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने इस संबंध में त्वरित संज्ञान लेते हुए शहरी विकास विभाग और ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग को अनुपयुक्त तरीके से फेके गए इस प्लास्टिक कचरे के वैज्ञानिक निपटान के लिए 4 फरवरी को आवश्यक कार्रवाई करने का निर्देश दिया है। राज्य बोर्ड ने कहा है कि ठोस अपशिष्ट प्रबंधन नियम, 2016, नियम 15, उत्पादित ठोस अपशिष्ट के वैज्ञानिक निपटान और पुराने अपशिष्ट स्थलों के उपचार के संबंध में स्थानीय अधिकारियों और ग्राम पंचायतों की भूमिकाओं और जिम्मेदारियों को स्पष्ट रूप से निर्धारित करता है।
राज्य बोर्ड ने अपने निर्देश में यह मुद्दा उठाया है कि वर्तमान में कुल 1,90,796 टन कचरा स्थानीय निकायों जैसे की धर्मशाला, मंडी, बद्दी, सोलन, कुल्लू, मनाली, बिलासपुर, ऊना, संतोखगढ़, बैजनाथ, चौरी, डलहौजी, रिवालसर, सरकाघाट और हमीरपुर में पड़ा हुआ है। यह देखा गया है कि उपर्युक्त अधिकांश स्थानीय निकायों में विरासत अपशिष्ट उपचार कार्य की प्रगति धीमी और ठोस अपशिष्ट प्रबंधन नियम, 2016 में निर्धारित समय सीमा से पीछे है।
हिमाचल प्रदेश राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के एक प्रवक्ता ने कहा कि शहरी विकास विभाग और ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभागों को ठोस अपशिष्ट प्रबंधन नियम, 2016 के प्रावधानों का कड़ाई से पालन करने का निर्देश दिया गया है क्योंकि ठोस अपशिष्ट प्रबंधन की स्थिति की राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण (एनजीटी) द्वारा ( संख्या – 606/2018 में) बारीकी से निगरानी की जा रही है। राज्य बोर्ड ने राज्य में स्थानीय निकायों द्वारा अपशिष्ट प्रबंधन के संबंध में जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई है। अध्यक्ष, हि. प्र. राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड इस संबंध में अधिकारियों द्वारा की गई प्रगति की निगरानी कर रहे हैं।
