शिमला टाइम
पूर्व सरकार में सीनियोरिटी में दो लोगों को पीछे छोड़ कर एक आईएएस अफसर को मुख्य सचिव बनाने में बड़ा बवाल पैदा हो गया था। सरकार को कई अफसरों की नाराज़गी झेलनी पड़ी थी। मगर जब एक साधारण कर्मचारी या शिक्षकों की पदोन्नति की बात आई तो उन्हीं अफसरों ने चहेतों को लाभ देने के लिए एक या दो की सीनियोरिटी को दरकिनार नहीं बल्कि सैंकड़ों शिक्षकों को पीछे छोड़ कर एक को सेवानिवृत्ति वाले दिन पदोन्नति का लाभ दे दिया। सरकार के इस कारनामें का अब विरोध शुरू हो गया है।
हिमाचल राजकीय अध्यापक संघ के प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र चौहान ने प्रधानाचार्य पदोन्नति को लेकर एक बड़ा खुलासा किया है।
अध्यक्ष ने कहा के 30 नवंबर को उत्तम सिंह मुख्याध्यापक की पदोन्नति प्रधानाचार्य पद पर की गई जिनका वरिष्ठता नंबर 3048 है इससे पहले वरिष्ठता नं 2874 तक के मुख्य अध्यापकों को प्रधानाचार्य पदोन्नति मिल चुकी है। जबकि उसके बाद के मुख्याध्यापक प्रधानाचार्य पदोन्नति की राह देख रहे हैं।
उसी दिन 30 नवंबर को 3 – 4 मुख्याध्यापक बिना पदोन्नति के ही सेवानिवृत्त हो गए। जिसमें एक रतन सिंह वरिष्ठता नंबर 2952 तथा अजय कुमार वरिष्ठता नंबर 2968 है यह दोनों उत्तम सिंह से वरिष्ठता में 90 से 96 नंबर पहले है और यह व्यक्ति उसी दिन सेवानिवृत्त हुए जिस दिन उत्तम सिंह को, जोकि उक्त व्यक्तियों से लगभग 96 नंबर पीछे है को पदोन्नत कर प्रधानाचार्य बनाया गया क्योंकि इसी दिन उत्तम सिंह की भी सेवानिवृत्ति थी।
प्रदेश अध्यक्ष ने खुलासा किया कि किस तरह उत्तम सिंह 174 लोगों को पीछे छोड़ कर एक सिंगल ऑर्डर के तहत प्रधानाचार्य बना दिए गए जो कि सीसीएस रूल्स का सरासर उल्लंघन है और वरिष्ठ कर्मचारियों के साथ घोर अन्याय और अपमानित करने वाली एक बहुत बड़ी साजिश है हिमाचल राजकीय अध्यापक संघ में शिक्षा सचिव को आड़े हाथों लेते हुए कहा है कि यदि शिक्षा सचिव के 10 जूनियर अधिकारियों को उनसे पहले पदोन्नत कर अतिरिक्त मुख्य सचिव की पदोन्नति दी जाए तो वह कैसा महसूस करेंगे उन्हें कम से कम इस बात का तो एहसास होना चाहिए था।
संघ ने हैरानी व्यक्त करते हुए कहा कि इतिहास में इस तरह की शिक्षा विभाग में पहली वारदात है जिसमें सैकड़ों शिक्षकों को वरिष्ठता में पीछे छोड़ कनिष्ठ अध्यापकों को पदोन्नति दी गई है।
चौहान ने कहा कि यदि इस प्रथा को नहीं रोका गया तो भविष्य में कनिष्ठ वरिष्ठ की परंपरा ही खत्म हो जाएगी और r&p रूल्स का कोई मतलब नहीं होगा इसलिए उन्होंने मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री से मांग की कि प्रधानाचार्य की पदोन्नति जो कि मुख्याध्यापक को और प्रवक्ताओं से होनी है 2 दिन के अंदर जारी करें और जो लोग सेवानिवृत्त हो गए हैं उनको भी इस पदोन्नति का लाभ दिया जाए जिस तरह से उत्तम सिंह को लाभ दिया गया है अन्यथा उत्तम सिंह की पदोन्नति को निरस्त किया जाए।
चौहान ने शीघ्र ही छठे वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू करने की अधिसूचना जारी करने की मांग की साथ ही केंद्र सरकार या पंजाब सरकार द्वारा दिए जा रहे हैं भत्तो की अधिसूचना भी उसी आधार पर की जाए जिससे हिमाचल में कर्मचारियों को लाभ हो सके।
साथ ही 4-9-14 टाइमस्केल को बहाल करने और कंप्यूटर शिक्षकों सहित सभी आउटसोर्स कर्मचारियों के लिए पॉलिसी बनाने की मांग की है।
चौहान ने सभी शिक्षक संगठनों के पदाधिकारियों एवम शिक्षकों से छठे वेतन आयोग में अनियमितताओं को दूर करने के लिए पंजाब के कर्मचारियों के साथ सहयोग करने और संघर्ष करने के लिए भी अपील की है हिमाचल में वही वेतन आयोग लागू होगा जिस आधार पर पंजाब सरकार द्वारा जारी किया जाएगा इसलिए जिस तरह से पंजाब में पे स्केल को लेकर संघर्ष चल रहा है जिसमें पंजाब के कर्मचारी व शिक्षक वर्ग किसी भी सूरत में 2.25 के गुणांक को मानने को तैयार नहीं है और वहां पर लगातार आंदोलन हो रहे है।
पंजाब के मोरिंडा में लगातार सांझा कर्मचारी मोर्चा के द्वारा आंदोलन किया जा रहा है और इसके साथ साथ पंजाब में सांझा अध्यापक मोर्चा भी अलग से लगातार शिक्षकों के लिए छठे वेतन आयोग में अनियमितताओं को दूर करने के लिए संघर्ष कर रहा है।
पंजाब में सभी शिक्षकों का एक सांझा मोर्चा बना है जिसे शिक्षक सांझा मोर्चा के नाम से बनाया गया है और उसमें कोई भी राज्य अध्यक्ष नहीं है बल्कि 7 कन्वीनर बनाए गए हैं और 4 कोकनविनर बनाए गए हैं इन 11 लोगों की देखरेख में पूरे पंजाब के शिक्षक वर्ग अपनी मांगों को पूरा करने के लिए हर वर्ग के शिक्षकों को एक मंच पर इकट्ठा कर सरकार को अपनी ताकत का एहसास दिला रहे हैं।इसी कड़ी में 8 दिसंबर को पंजाब के शिक्षा मंत्री के विधान सभा क्षेत्र जालंधर में एक बहुत बड़े धरना प्रदर्शन का कार्यक्रम रखा गया है।
जिसमें कई हजारों की तादाद में शिक्षक इकट्ठे होकर अपना विरोध प्रदर्शन करेंगे हिमाचल से भी हिमाचल राजकीय अध्यापक संघ उस धरना प्रदर्शन में अपनी भागीदारी सुनिश्चित कर रहा है और सभी हिमाचल प्रदेश के शिक्षक संगठनों के प्रतिनिधि एवं शिक्षकों से आग्रह किया है कि 8 दिसम्बर को जालंधर चलकर अपनी लड़ाई को लड़ने में पंजाब के कर्मठ एवं जुझारू शिक्षक साथियों का साथ दें क्योंकि जब पंजाब में 2.25 का मल्टीप्लायर खत्म होगा। तभी हिमाचल में भी कर्मचारियों को 2.25 की जगह 2.59 के मल्टीप्लायर से नए पे कमीशन की फिक्सेशन होगी जिससे हमें लाभ हो पाएगा अन्यथा इस छठे वेतन आयोग से किसी भी वर्ग को फायदा होने वाला नहीं है।