PM मोदी के हिमाचल आगमन पर आक्रोश रैली निकालेंगे पुलिस कर्मियों के परिजन, सरकार के सौतेले व्यवहार पर फूटा गुस्सा, न्याय की लगाई गुहार, आम लोगों से भी मांगा समर्थन

शिमला टाइम

हिमाचल प्रदेश में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आगमन पर पुलिस कर्मियों के परिजन आक्रोश रैली निकालेंगे। परिजनों ने जस्टिस फ़ॉर एच पी पुलिस हैश टैग कर आम लोगों से भी समर्थन मांगा है और न्याय की गुहार लगाई है। ऐसे में जब मुख्यमंत्री ने एक तरफ पुलिस कर्मियों को आश्वासन दिया कि वेतन विसंगतियाँ दूर करने की कोशिश की जाएगी और दूसरी तरफ डीजीपी से लिखित आदेश निकलवा दिए कि वो अनुशासन में रहे और सोशल मीडिया पर भी ऐसी कोई मांग या इस से सम्बंधित पोस्ट न डालें। जैसे ही आदेश सोशल मीडिया पर वायरल हुए पुलिस के  परिवार , दोस्तों और मीडिया ने उनकी मजबूरी को समझते हुए न्याय के लिए कमर कस ली। और अपने बच्चों की तकलीफों को समझते हुए। भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष जेपी नड्डा से मिलने और उनकी मांगे रखने के लिए बिलासपुर पहुंच गए। पर वहां पर उन एफआईआर कर दी गई। जवानों के परिजनों ने उनकी आवाज को भी दबाने के आरोप लगाएं है। उनका कहना है कि जवान यदि संशोधित वेतनमान मांग रहे है तो इसमें गलत क्या है ? हिमाचल पुलिस की छवि पूरे भारत में सबसे बेहतरीन है लेकिन आज जवान आंदोलन का रास्ता अपना रहा है ,क्यों ? उनके साथ ये भेदभाव किया जा रहा है। रात दिन २५ घण्टे ड्यूटी पे तैनात रहने वाले इस देश प्रदेश की सेवा करने वाले । कभी बिना अपना सोचे बस देश प्रदेश हित में खुद को न्योछावर कर देते है। क्यों सरकार उनके साथ ऐसा सौतेला व्यवहार कर रही है। क्या सरकार को उन पर तरस भी नहीं आ रहा है? ऐसे कई सवाल परिजनों ने सरकार पर उठाएं हैं।

परिजनों का कहना है कि आज उनको अपने हक के लिए सरकार से गुहार लगानी पड़  रही है हमारे लिए कुछ करो। पुलिस देश प्रदेश का प्रमुख अंग है । हिमाचल प्रदेश में पुलिस कि दशा सबसे बुरी हालत कर दी गई है। राशन भत्ते के नाम पे 210 रुपए दिए जाते है। अपनी जेब से सारा खाने का खर्च करना पड़ता है। रात दिन ड्यूटी करने के बावजूद भी । बाकी हर राज्य की पुलिस का राशन भत्ता 3500 या 4000 और हमारे जवानों को सिर्फ 210 रूपए। सरकार के कहने पर सब करने वाले अंत में खुद बुरे बन जाते है। कहीं दंगा हुआ तो लाठी चला दो । बुरा कौन बना पुलिस । कहीं प्रदर्शन नहीं कर सकते कहीं अपनी मांग नहीं रख सकते। कहीं भी धरना नहीं दे सकते। कब तक सहते रहेंगे हमारे जवान । पुलिस जवानों के हितों के बारे में कौन सोचेगा। 8 साल का संशोधत पे बैंड पर अपने परिवार को कैसे देख पाएंगे। इतनी कम सैलेरी  में अपने परिवार का और खुद का खर्चा कैसे निकालेंगे।

परिवार का बोझ अपने कंधो पर कैसे उठाए। किसी के परिवार में कोई बीमार, किसी की शादी, किसी के बच्चो की फीस, कैसे करेंगे ये जवान। अन्य राज्यों के पुलिस कांस्टेबल की सैलेरी और राशन भत्ते में और हिमाचल के पुलिस कांस्टेबल के सैलेरी और राशन भत्ते में दिन रात का फर्क है। पुलिस जवानों को 10300 का पे स्केल दिया जाए और अन्य राज्यों की तर्ज पर राशन भत्ता दिया जाए।

परिजनों का कहना है कि जिस प्रदेश की सेना ही दुखी हो उस प्रदेश का राजा कब तक टिकेगा।  सरकार को इन पर तरस तक नहीं आ रहा है। किसके पास जाए ये अपना हक मांगने के लिए। किसका दरवाजा खटखटाएं । माना इन्हें नौकरी पाने के लिए ये रूल उस समय मानने पड़े। पर जब ओरों के साथ आप प्यार दिखा रहे तो इन पुलिस के जवानों पर भी थोड़ा मेहरबान हो जाइए। आखिरकार हमारे ही बच्चे है ये भी । जो इस प्रदेश के लिए रात दिन सुरक्षा करते है। ना रात देखते है । क्या इनके परिवार नहीं है। इनके बच्चे नहीं है क्या। क्यों सरकार इनसे ऐसा सौतेला व्यवहार कर रही है। 

समस्त पुलिस कर्मचारियों के परिजनों का कहना है कि
इस प्रदेश की जनता से हाथ जोड़ के अनुरोध है कि इन्हें इनका हक दिलाने में इनकी मदद करें। और इनकी मांगो को सरकार से दिलाने की मांग करें। आज ये खुद के लिए कुछ भी नहीं कर सकते । मानसिक रूप से परेशानियों से गिर रहे हमारे जवानों को अपना सहारा दो। और सरकार से अनुरोध है इनकी मांगो को कृपया करके पूरा किया जाए। सरकार इनसे ऐसा सौतेला व्यवहार करती रही तो सभी परिजन मिलकर प्रधानमंत्री के हिमाचल आगमन पर आक्रोश रैली निकालेंगे और उनको हमारे बच्चों के साथ हो रहे सौतेले व्यवहार और जवानों की परेशानियों से अवगत करवाएंगे। 

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