कहा डायटिबिटिक हूं, अगर अनशन से कुछ हुआ तो प्रशासन होगा जिमेवार
शिमला टाइम
जिला के धामी हलोग से जिला परिषद उम्मीदवार रही अनिता शर्मा ने वोटों की रिकाउंटिंग करवाने की फिर मांग की है। जिला परिषद के बीते साल जनवरी में चुनाव हुए थे। 22 जनवरी को मतगणना हुई थी। शिमला में एक प्रैस कांफ्रेंस में अनिता शर्मा ने आरोप लगाया की रिटर्निंग ऑफिसर ( आर ओ) ने उनके एजेंट को समय पर मतगणना केन्द्र में जाने नही दिया। कायदे से जिला परिषद के उम्मीद्वारों के एजेंट्स को भी बीसीसी की गणना के वक्त की अंदर केंद्र में जाने की इजाजत देनी चाहिए थी। मगर उनके एजेंट को तब जाने दिया गया जब जिला परिषद के वोटों की गणना शुरू हुई। जबकि बीडीसी और जिला परिषद के वोट एक ही बॉक्स में थे। लेकिन उनके एजेंट के केंद्र में आने से पहले ही मतों के बंडल बना दिए गए थे।
उन्होंने आरोप लगाया की मतगणना में अनियमितता की गई। यही नहीं काउंटिग के समय केंद्र में कोई प्राइवेसी नहीं रखी गई। जिला परिषद की गणना के समय केंद्र के अंदर हर कोई जा रहा था। यही नहीं उन्होंने यह भी आरोप लगाए की जिला परिषद् के मतों की गणना आनन फानन में निपटा दी गई। उन्होंने कहा कि एक ओर बीडीसी की काउंटिंग के लिए औसतन तीन घंटे का समय दिया गया, वहीं जिला परिषद के मतों की गणना एक घंटे में ही निपटा दी गई। उन्होंने आरोप लगाया की गणना के समय एजेंट्स को बिना फॉर्म्स ही जाने दिया गया।
हालांकि उन्होंने वोटों की रिकाउंटिंग की मांग की गई, लेकिन इस मांग को नहीं माना गया। उन्होंने कहा की इस संबंध में एक याचिका डीसी कोर्ट में दी गई है।
उन्होंने कहा की रिकाउंटिग की मांग को लेकर डीसी के कोर्ट में दूसरे दिन ही याचिका दायर की गई थी। लेकिन अब तक इसका निपटारा नहीं किया गया। उन्होंने आरोप लगाया की प्रतिवादी पक्ष कई तरह के अड़ंगे लगा कर मामले को लटका रहा है। इससे इस पर फ़ैसला नहीं हो पा रहा है। उन्होंने कहा की अगर जल्द उनकी याचिका पर फैसला नहीं लिया गया तो वह अनशन पर बैठेंगी। हालांकि वह डायबिटीज की मरीज है।लेकिन वो मजबूरी में यह कदम उठा रही है। ऐसे में अगर उनको अनशन के दौरान कुछ अनहोनी होती है तो इसकी जिम्मेवारी प्रशासन की होगी।