15 साल से छोटे बच्चों को स्कूल बुलाने के फैसले पर पुनः विचार करे सरकार, कांग्रेस बोली- बच्चों में कोरोना संक्रमण फैलता है तो जिम्मेवार कौन

शिमला टाइम

प्रदेश कांग्रेस सगंठन महासचिव रजनीश किमटा ने प्रदेश सरकार के उस फैंसले पर हैरानी जताई है जिसमें उन्होंने 15 साल से नीचे के सभी बच्चों के लिए 17 फरवरी से स्कूल आने का फरमान जारी कर दिया है। उन्होंने कहा कि अभी देश प्रदेश में कोरोना का ख़ौफ़ जारी है, हर रोज़ सैंकडों लोग इसकी चपेट में आ रहें है, ऐसे में इन बच्चों को स्कूल में बुलाना इनके स्वास्थ्य को एक गम्भीर खतरा उत्पन्न हो सकता है।किमटा ने सरकार से इस फैसले पर पुनः विचार करने को कहा है। उन्होंने कहा है कि अभी तक इन बच्चों को कोरोना से बचाव के कोई भी टीका नहीं लगा है। ऐसे में अगर इन बच्चों में कोरोना संक्रमण फैलता है तो इसकी जिम्मेवारी कौन लेगा।उन्होंने कहा कि आज जब सरकार ने आम लोगों के किसी भी होटल, ऑफिस या कहीं भी आने जाने से पूर्व लोगों से दोनों टीका लगाने की पुष्टि कर रही है तो ऐसे में स्कूल आने वाले इन छोटे बच्चों की कोरोना से सुरक्षा के क्या उपाय है।

उन्होंने कहा कि बच्चे देश का भावी भविष्य है और इनके स्वास्थ्य के प्रति कोई भी लापरवाही सहन नहीं की जा सकती। पूरे देश व विश्व मे इस समय इस खतरनाक बीमारी को लेकर चिंताएं बढ़ती ही जा रही है। किमटा ने कहा है कि जब तक इस महामारी का खतरा पूरी तरह टल नहीं जाता और 15 साल से नीचे के बच्चों का कोरोना टीकाकरण नहीं हो जाता। तब तक इन्हें ऑनलाइन क्लासेज पर ही रखना उचित होगा। उन्होंने कहा है कि इस बारे कोई भी फैसला जल्दबाजी में नहीं पूरी तरह सोच समझ कर स्वास्थ्य विशेषयज्ञों की राय मशविरे के बाद ही लिया जाना चाहिए व पूरी सुरक्षा से 15 साल से नीचे के बच्चों को स्कूल में बुलाया जाना चाहिए।

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