कांग्रेस ने अपनी पार्टी CPIM को आउटसोर्स कर दी है, CM बोले-  राजनीतिक दलों के साथ जुड़कर कर्मचारियों का विरोध सही नहीं, कर्मचारी सौहार्दपूर्ण तरीके से अपनी बात रखें फैसला सरकार पर छोड़ दें

शिमला टाइम
सीएम ने कहा कि सदन से वॉकआउट करना विपक्ष की आदत बन गई। लोकतंत्र में बात कहने का अधिकार है लेकिन कई बार व्यवहार हास्यप्रद हो जाता है। राज्यपाल के अभिभाषण पर हुई चर्चा में भी कांग्रेस विधायकों में आपस में प्रतिस्पर्धा चली हुई थी। कांग्रेस की आज देश में हास्यप्रद स्थिति बन चुकी है क्योंकि उनकी हरकतें ही ऐसी है।  कांग्रेस का नेतृत्व आज राकेश सिंघा कर रहे थे। ऐसी पार्टी जिनकी नारेबाजी की भाषा शैली भी अलग होती है। आज नारे लगाने को कांग्रेस को सीपीएम का सहारा लेना पड़ा।
ओपीएस पर सीएम ने कहा कि एनपीएस2003 में लागू हुई थी उस समय हमारी सरकार नहीं थी बल्कि वीरभद्र सिंह की सरकार थी। उन्होंने सारी शर्तों को स्वीकार किया पहला राज्य हिमाचल था, एनपीएस को लागू करने वाला। आज जो कहते है कि वीरभद्र सिंह का आदर करते है आज जब वह नहीं है तो उनके फैसले पर इस तरह नारेबाज़ी और विरोध कर रहे हैं। कर्मचारियों के आज के प्रदर्शन में भी सीपीएम, कांग्रेस, के लोग ही धरने पर हैं। वही लोग आज सड़कों पर निकले हुए है। उन्होंने कहा कि वह कई बार कह चुके हैं कि प्रस्ताव रखिये अपनी बात कहे जो कहना है कहे बात बाकी फैसला सरकार पर छोड़ दें। सरकार को जब लगेगा कि ओपीएस लागू किया जा सकता है जो किया जाएगा। लेकिन इस तरह आंदोलन करके दबाव डाल कर प्रयत्न किया जाएगा तो कोई लाभ नहीं। उन्होंने कहा कि राजस्थान में ओपीएस की घोषणा की वो आज के हालात में संभव नहीं कि ओपीएस लागू कर पाएंगे या नहीं। सवाल है कि कैसे लागू करेंगे।

कर्मचारियों की बहुत बड़ी भूमिका है राजनीतिक दल के साथ जुड़कर विरोध सही तरीका नहीं है। अपनी बात कहिए, हमने इस मामले में मुख़्य सचिव की अध्यक्षता में कमेटी का गठन भी कर दिया है। लेकिन जस तरह तजनीतिक मकसद के साथ विरोध करना कर्मचारियों को भड़काना उचित नहीं। कांग्रेस आज ओपीएस लागू करने का एलान कर रही हैं, लेकिन 9 महीने बाद चुनाव होंगे तब मालूम होगा क्या होगा। कांग्रेस तो ये सोच रही है कि जैसे सत्ता में आ ही गए। उन्होंने कहा कि विपक्षी दलों ने ही आज कर्मचारी बुलाये है फिर वहां भाषण देंगे कि सदन छोड़कर आये है। सीएम ने कहा कि पंजाब पे स्केल आने के बाद जो किया जा सकता था करेंगे व किया है। कर्मचारी आज अपनी बात सौहार्दपूर्ण तरीके से रखे। कांग्रेस का हर बात पर वाकआउट करना हास्यप्रद है। जिससे ये साबित होता है कि कांग्रेस नेतृत्व हीन है, आज नारेबाजी करने के लिए भी सीपीएम का सहारा लेना पड़ा। विधायक सिंघा ने जिस तरह नारे लगाने को कहा कांग्रेस ने लगाए। 

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