विधानसभा घेराव- आउटसोर्स कर्मचारियों ने की स्थायी नीति बनाने की मांग, फिर गूंजा “जइयाँ मामा मानदा” नहीं नारा

शिमला टाइम

हिमाचल प्रदेश के आउटसोर्स कर्मचारियों ने भी सरकार के खिलाफ़ मोर्चा खोल दिया है। कर्मचारियों ने सीटू के बैनर तले स्थायी नीति की मांग को लेकर विधान सभा का घेराव किया और सरकार के खिलाफ़ नारेबाजी की। सैंकड़ों कर्मचारियों ने शिमला पंचायत भवन से विधान सभा तक रैली निकाली। कर्मचारियों को उम्मीद थी कि बजट में आउटसोर्स कर्मचारियों को पॉलिसी बनाई जाएगी लेकिन उन्हें निराशा ही हाथ लगी। इस दौरान आउट सोर्स कर्मचारियों द्वारा फिर जइयाँ मामा मांदा नही का नारा फिर सुनने को मिला।

आउटसोर्स कर्मचारी संघ के अध्यक्ष शैलेंद्र शर्मा ने कहा कि पिछले कई वर्षों से आउटसोर्स कर्मचारियों का शोषण हो रहा है। बहुत कम वेतन में कर्मचारी विभागों ने अपनी सेवाए दे रहे हैं।कंपनिया कर्मचारियों को पूरा लाभ नहीं दे रही है। सरकार ने बजट सत्र के दौरान स्थायी नीति बनाने का आश्वासन दिया था लेकिन सरकार ने केवल साढ़े दस हजार न्यूनतम वेतन देने को घोषणा की है जबकि 26 हजार न्यूनतम वेतन होना चाहिए वह अपने परिवार का पालन पोषण कर सके।

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