शिमला टाइम
हिमाचल प्रदेश कैडर-1985 के भारतीय प्रशासनिक अधिकारी डॉ. श्रीकान्त बाल्दी ने आज यहां हिमाचल प्रदेश के मुख्य सचिव का पदभार संभाल लिया।
डॉ. बाल्दी को प्रशासनिक कार्य का 34 वर्षों से अधिक का गहरा अनुभव है। अब तक के अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने विभिन्न महत्त्वपूर्ण पदों कार्य किया है। उनके पास विभिन्न विभागों की कार्यप्रणाली विशेषकर वित्त मामलों की गहरी समझ है।
पदभार ग्रहण करने के उपरान्त डॉ. श्रीकान्त बाल्दी ने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश को पारदर्शी प्रशासन देने के लिए कृतसंकल्प है और वह प्रदेश सरकार की प्राथमिकताओं, नीतियों व कार्यक्रमों को सफल बनाने के लिए भरसक प्रयास करेंगे।
मुख्य सचिव ने कहा कि उनकी पहली प्राथमिकता नवम्बर माह में धर्मशाला में आयोजित होने वाली ग्लोबल इन्वेस्टर्ज मीट को सफल बनाना है। हालांकि विश्व स्तर पर आर्थिक मंदी एक गम्भीर चुनौती बनी हुई है, इसके बावजूद हिमाचल सरकार ने इन्वेस्टर मीट आयोजित करने का निर्णय लिया है। इसे सफलतापूर्वक आयोजित करने की दिशा में हर संभव प्रयास किए जाएंगे ताकि प्रदेश में अधिक से अधिक निवेश आकर्षित किया जा सके जिससे प्रदेश की आर्थिकी मजबूत बनेगी और युवाओं रोज़गार के पर्याप्त अवसर मिल सकेंगे।
प्रदेश सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों, कर्मचारियों, कर्मचारी संघों, जन प्रतिनिधियों और आम नागरिकों ने आज मुख्य सचिव का कार्यभार संभालने पर डॉ. बाल्दी को उनके कार्यालय पहुंचकर बधाई और शुभकामनाएं दीं।
डॉ. बाल्दी ने अपने सेवाकाल के दौरान मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव, अतिरिक्त मुख्य सचिव वित्त, योजना और आबकारी एवं कराधान, प्रधान सचिव शिक्षा एवं ग्रामीण विकास, सचिव ऊर्जा, प्रबन्ध निदेशक एचआरटीसी, सोलन व कांगड़ा ज़िलों के उपायुक्त, निदेशक सूचना एवं जन सम्पर्क, प्रबन्ध निदेशक एचपीएमसी और विभिन्न विभागों के महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया है।
उन्होंने कई महत्वपूर्ण रिपोर्ट और पत्र भी लिखे हैं जिनमें सोलन ज़िला में बै-मोसमी सब्जियों और पुष्प उत्पादन के माध्यम से रोज़गार सृजन एवं गरीबी उन्मूलन, भारत में प्राकृतिक आपदा प्रबन्धन एवं नियंत्रण, हिमाचल प्रदेश में आपदा राहत मेनुअल, राज्य पथ परिवहन निगम में वित्तीय प्रबन्धन आदि शामिल हैं।