शिमला टाइम
हिमाचल प्रदेश शिक्षक महासंघ की दो अप्रेल को निदेशक से बैठक होगी। शिक्षकों की 33 सूत्रीय आग्रह पत्र पर मंथन होगा। हिमाचल प्रदेश शिक्षक महासंघ की हिन्दू नव वर्ष पर शिक्षा निदेशक उच्चतर और शिक्षा निदेशक प्राथमिक के साथ प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक हिन्दू नव वर्ष के दिन और पहले नवरात्रों में शिक्षा निदेशालय में होगी। जिसमें अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के राष्ट्रीय सचिव पवन मिश्रा, प्रान्त अध्यक्ष पवन कुमार, प्रान्त संगठन मंत्री विनोद सूद सहित सभी 24 जिलों के प्रधान, महामंत्री, संगठन मंत्री सहित प्रान्त कार्यकारिणी के शिक्षक मौजूद रहेंगे। नव वर्ष के उपलक्ष पर सभी शिक्षक साथियो को तिलक लगाया जाएगा तथा शिक्षा निदेशालय हलवा बांट कर नव वर्ष मनाया जाएगा। बैठक सुबह 11 बजे निदेशक प्रारंभिक के साथ और शाम को 4 बजे शिक्षा निदेशक उच्चतर के साथ होगी। लंच के बाद संगठन की बैठक होगी।यह जानकारी प्रान्त महामंत्री डॉ मामराज पुंडीर ने दी।
उन्होंने कहा कि अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ (हिमाचल प्रदेश शिक्षक महासंघ) राष्ट्र हित मे काम करने वाला राष्ट्रीय संगठन है जिनका ध्येय वाक्य है “ चाहे जो आये व्यवधान, देश के हित मे करेंगे काम”। प्रदेश का सबसे बडा संगठन होने के नाते प्रदेश के शिक्षको की समस्याओं को आप तक पहुंचाना हमारा कर्तव्य है ।
- 2555 एस.एम्.सी अध्यापको को नियमित कर शिक्षा विभाग में समायोजित करे ।
- प्रदेश में 2003 से पूर्व पेंशन की योजना को लागू किया जाये ।
- शिक्षा विभाग में 20 वर्षो से कार्यरत कम्पुटर शिक्षको के लिए तर्कसंगत नीति बनाकर विभाग अपने अधीन लें ।
- प्रदेश के वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला में काम कर रहे सबी DPE को प्रवक्ता फिजिकल एजुकेशन का दर्जा दिया जाये ।
- सभी वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालयों में वाईस प्रिंसिपल के पद सृजित किये जाये तथा वितीय लाभ दिए जाये ।
- वर्ष 2000 में नियुक्त विद्या उपासको के पक्ष में माननीय न्यायालय द्वारा देय वेतन वृद्धि को लागू करने बारे ।
- 2002 में कमीशन प्राप्त टीजीटी को पूर्व सरकार ने प्रताड़ित करने के बाद उनकी नियुक्ति 2008 में की गई, को कोर्ट के आदेश अनुसार 2003 से नियमित माना जाये ।
- प्रदेश के सभी प्री प्राइमरी विद्यालयों में NTT अध्यापको की नियुक्ति नियमित आधार पर की जाये ।
- सभी माध्यमिक विद्यालयों में PET/DM के पदों को भरा जाये तथा योग्यता प्राप्त सभी PET/DM/ उर्दू और पंजाबी अध्यापको को टीजीटी का दर्जा दिया जाये
- लेफ्ट आउट PTA अध्यापको को नियमित किया जाये । मंडी जिला में निकाले गये PTA शिक्षको को और कुल्लू जिला में निकले गये SMC अध्यापको को बहाल किया जाये।
- 2014 में नियुक्त 11 कॉमर्स के प्रवक्ता बीएड की शर्त लगाने के कारण नियमित नही हो पाए, उन्हें 2010 में नियुक्त कॉमर्स प्रवक्ताओं की तरह छूट देकर नियमित किया जाये ।
- EGS/NRST पर नियुक्त शिक्षको को सरकार ने जेबीटी कांटेक्ट पर नियुक्त किया है परन्तु कुछ जिलो में सेंटर बंद होने के कारण जेबीटी कांटेक्ट में आने से रह गये थे। इन शिक्षको को एक मुश्त छूट प्रदान कर जेबीटी कांटेक्ट पर लाया जाये ।
- प्राथमिक शिक्षा निदेशालय के अधीन प्रशिक्षित स्नातक कैडर, सी एंड वी, प्रधानाचार्य को उच्च शिक्षा निदेशक के अधीन किया जाये ।
- सभी नये अपग्रेड हुए वरिष्ठ माध्यमिक पाठशालाओं में प्रवक्ता फिजिकल के पद् सृजित किये जाये। सभी विद्यालयों में खेलो को बढ़ावा देने के लिए पीटीआई के पदों को सृजित किया जाये ।
- प्रदेश के कर्मचारियों के लिए मेडिकल अदायगी के स्थान पर कैशलेस सुविधा का प्रावधान किया जाये। इससे सरकार की आर्थिक बचत के साथ साथ फ्रॉड मेडिकल बिलों पर भी रोक लगेगी ।
- प्रदेश के कर्मचारियों को मैटरनिटी अवकाश के दौरान नियमितीकरण होने पर ज्वाइन करने के बाद मिलने वाली छुट्टियो को यथावत रखा जाये । क्योकि जब छुट्टियों के नियम बनाये थे तब प्रदेश में अनुबंध निति नही होती थी ।
- प्रदेश के कर्मचारियों को मिलने वाली अर्जित अवकाश में लीव इन केश्मेंट 300 तक सिमित है और उसके बाद कर्मचारियों द्वारा छुट्टियाँ न लेने पर खुद लैप्स हो जाती है, जो सरासर गलत है। कर्मचारियों को 300 के उपर छुट्टियों को लेप्स न करे और उन्हे मेडिकल इमरजेंसी/ जरूरत पड़ने पर उपयोग में लाने के लिए सुविधा प्रदान की जाये।
- प्रदेश के शिक्षको की सेवानिर्वित आयु साल में एक या दो बार फिक्स की जाये, जिससे प्रदेश में खाली विद्यालयों में शिक्षको की कमी पूरी की जा सके, तथा नई नियुक्ति के लिए पर्याप्त समय मिल सके।
- प्रदेश के शिक्षको को एक विद्यालय में काम करने का समय पांच वर्ष किया जाये
- विद्यालयों में कंप्यूटर विषयों के साथ साथ फिजिकल विषय के आप्शन को भी रखा जाये ।
- टीजीटी से प्रवक्ता (SN) की प्रमोशन हेतु लगी 50% की शर्त को पुराने अध्यापको में एक्मुश्द छूट दी जाये ।
- प्रदेश के सभी उच्च /वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालयों में भाषा अध्यापक और नये अपग्रेड स्कूलो में प्रवक्ता फिजिकल के पद सृजित किये जाये।
- शिक्षा विभाग में काम करने वाले शिक्षको की सेवानिर्वित आयु 58 वर्ष से बढ़ा कर 60 वर्ष की जाये।
- प्रदेश के विद्यालयों में जहाँ विज्ञानं विषय की कक्षाए खोली जा रही है वहां सिर्फ नॉन मेडिकल को शुरू किया जा रहा है जिससे मेडिकल पढने वाले विद्यार्थियों को वंचित रहना पढ़ रहा है । प्रदेश सरकार को नॉन मेडिकल के साथ साथ मेडिकल विषय की कक्षाओं को शुरू करना चाहिए ।
- जेबीटी, सीएंडवी से टीजीटी, टीजीटी से प्रवक्ता और टीजीटी /प्रवक्ता से मुख्याध्यापक/ प्रिंसिपल की प्रमोशन की लेफ्ट आउट लिस्ट सहित प्रमोशन की लिस्ट जारी की जाये।
- हिमाचल प्रदेश के सभी प्राथमिक केंद्र विद्यालयों में आईसीटी लैब/कंप्यूटर सुविधा दी जाये।
- प्रत्येक प्राथमिक विद्यालयों में कक्षा प्रति अध्यापक की नियुक्ति की जाये
- सरकारी विद्यालयों में कार्यरत कला और विज्ञानं अध्यापको को प्रवक्ता आईपी के पदों पर प्रमोशन हेतु लगी पांच वर्ष (अनुभव) की शर्त को हटाया जाये, क्योकि विद्यालय में नियुक्त शिक्षक अपने अपने विषय को पढ़ा रहे है।
- जेबीटी कमीशन और बैचवाइज भर्ती की प्रक्रिया को जल्द से जल्द वर्तमान R&P रुल के अनुसार पूरा किया जाये।
- प्रदेश के सरकारी विद्यालयों में जेबीटी के 3301, HT के 259, CHT के 53 खली पदों को भरने की प्रक्रिया शुरू की जाएँ।
- हिमाचल प्रदेश के कई विद्यालयों में भाषा अध्यापक के पद सृजित नही है जो हमारी राष्ट्रीय हिंदी भाषा का अपमान है । प्रदेश के सभी माध्यमिक विद्यालयों में भाषा अध्यापक/ टीजीटी (हिंदी), टीजीटी (संस्कृत ) के पद सृजित किये जाये ।
- प्रदेश में कमीशन पास सभी भाषा अध्यापको / शास्त्री अध्यापको की नियुक्ति दी जाये ।
- भगवत गीता को स्कूली पाठ्यक्रम में शामिल किया जाए।