शिमला टाइम
राजधानी शिमला में तेंदुए ने युवक पर हमला कर उसे लहूलुहान कर दिया। मामला जाखू के फाइव बैंच के समीप हुआ।फाइव बेंच में रहने वाला 23 वर्षीय विजय काम से बुधवार देर रात्रि अपने घर को लौट रहा था।जब वह जाखू को जाने वाले मार्ग पर अपने घर की ओर लौट रहा था तो उस समय जाखू के समीप प्राथमिक पाठशाला से कुछ दूरी पर घात लगाकर बैठे तेंदुए ने अचानक युवक पर हमला कर दिया। तेंदुए से जिंदगी की जदोजहद करने के बाद वह किसी तरह जान बचाकर वहाँ से भाग गया. लेकिन तेंदुएँ के हमले से हाथ पूरी तरह लहूलुहान हो गया है. विजय को आईजीएमसी में ईलाज के बाद विजय को छुट्टी दे दी गई है।
शिमला के निजी होटल में शैफ का काम करने वाले विजय ने बताया कि वह बुधवार रात करीब 11:15 बजे होटल से काम करके घर लौट रहा था। जब वह 11:45 पर फाइव बेंच पहुंचा तो उसी समय प्राथमिक पाठशाला के समीप मार्ग में घात लगाकर बैठे तेंदुए ने अचानक उस पर हमला कर दिया। ऐसे में वह तेंदुए से करीब 5 मिनट तक लड़ता रहा और बड़ी मुश्किल से तेंदुए से जान बचाकर हॉली लॉज की ओर भाग खड़ा हुआ।उस समय रास्ते पर कोई नही था। उसके बाद उन्होंने घर में फोन किया जिसके बाद उन्हें गाड़ी से आईजीएमसी अस्पताल ले जाया गया। लाइट कम होने की वजह से उन्हें तेंदुआ दिखाई नही दिया। रास्ते मे स्ट्रीट लाइट्स न होने के कारण उन्हें अचानक आता तेंदुआ नजर नही आया। उन्होंने प्रशासन से अपील की है कि यहां लाइट की व्यवस्था को दुरुस्त किया जाए और तेंदुए को पकड़ने के लिए पिंजरे भी लगाए जाएं।
वहीं स्थानीय लोगों का कहना है कि इस इलाके में स्ट्रीट लाइट की दिक्कत है। पिछले करीब एक महीने से जाखू के लोगों ने प्रशासन को इसके बारे में बताया है लेकिन अभी तक लाइट नहीं लग पाई है। वहीं रात की घटना के बाद स्थानीय लोग पूरी दहशत मे हैं।
स्थानीय लोगों ने प्रशासन से अपील की है कि लाइट को दुरुस्त किया जाए और इस इलाके में जल्द से जल्द पिंजरा लगाया जाए।
बता दें कि इससे पहले बीते साल भी डाउनडेल में भी तेंदुए ने दीपावली की रात्रि को एक बच्चे को मौत का ग्रास बनाया था।वहीं कनलोग में भी उससे पहले एक 5 वर्ष की बच्ची को तेंदुआ उठा ले गया था।उसके बाद वन विभाग द्वारा जगह जगह पिंजरे लगाए गए थे और तेंदुए को पकड़ने के लिए भारतीय वन्यजीव संस्थान(डब्ल्यूआईआई)की टीम आई थी।बड़ी जदोजहद के बाद तेंदुआ पकड़ा गया था अब एक बार फिर तेंदुए की दहशत राजधानी में बढ़ गई है।